प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan) की 13वीं किस्त आने में अब कुछ ही दिन का वक्त बाकी है. जल्द ही पात्र किसानों के बैंक अकाउंट में 2000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. ऐसे में अगर आप योजना में रजिस्टर्ड हैं तो अपने रिकॉर्ड चेक कर लें. अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे दुरुस्त करवा लें. अपना ई-केवाईसी (नो योर कस्टमर) जरूर करवा लें. ताकि आपका पैसा न रुके. हम सबने देखा है कि 12वीं किस्त में करीब 3 करोड़ किसानों को पैसा नहीं मिला है. 11.5 करोड़ की जगह महज 8.5 करोड़ को ही लाभ मिला है. इसलिए इतना समझ लीजिए कि जब आप शर्तों को पूरा करेंगे और रिकॉर्ड दुरुस्त रहेगा तभी पैसा मिलेगा. कई बार आपकी पात्रता के बावजूद भी पैसा रुक जाता है. आईए ऐसे कारणों को भी समझते हैं.
पैसा न आने के कारणों को जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि इस योजना में कभी भी आवेदन हो सकता है. यदि आपने अब तक इस स्कीम में अप्लाई नहीं किया है तो यह काम जल्द कर दीजिए. कागजात दुरुस्त हैं तो आपके अकाउंट में 2000 रुपये आ जाएंगे. लेकिन अप्लाई करते वक्त इस बात का विशेष ख्यान रहे कि अप्लीकेशन फार्म सही-सही भरा जाए. इसमें बैंक खाता नंबर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नंबर और लैंड रिकॉर्ड में कुछ भी गलत न भरें. एक स्पेलिंग में अंतर भी काम बिगाड़ देगा. फिलहाल, आईए समझते हैं कि आमतौर पर किन वजहों से अप्लाई करने के बावजूद पैसा नहीं आता.
पीएम किसान योजना में ई-केवाईसी वेरिफिकेशन यानी (नो योर कस्टमर) करवाना जरूरी है. ऐसा न होने पर किसानों को 6000 रुपये से वंचित किया जा सकता है. योजना में 54 लाख से अधिक फर्जी लाभार्थी हो चुके हैं. इसलिए केंद्र सरकार सभी किसानों के खाते की स्थिति को सत्यापित करवा लेना चाहती है. किसान अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र में जाकर आधार कार्ड द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली से ई-केवाईसी सत्यापन पूर्ण कराना होगा. ई-केवाईसी के लिए 15 रुपये प्रति लाभार्थी की दर (कर सहित) से फीस तय की गई है. इस 15 रुपये के लिए 6000 रुपये का नुकसान करने से बचिए. लेखपाल या पटवारी से लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन भी करवाईए.
अगर आपका रिकॉर्ड दुरुस्त है. फिर भी पैसा नहीं मिल रहा है तो सबसे पहले अपने लेखपाल और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. वहां से बात न बने तो पीएम किसान योजना की हेल्पलाइन (155261 या 011-24300606) पर संपर्क कर सकते हैं. पीएम किसान निधि में आवदेन करने के बाद राज्य सरकार तय करती है कि अप्लाई करने वाला किसान है या नहीं. इसी आधार पर तय होता है कि आपको पैसा मिलेगा या नहीं.
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