देश में कई तरह की अलग-अलग सरकारी योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनका लाभ बड़ी संख्या में किसान ले रहे हैं. इन्हीं योजनाओं में से एक है पीएम-किसान यानी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana). इस योजना के तहत किसानों को साल में छह हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है. इस राशि को चार माह के अंतराल पर किसानों के खाते में भेजा जाता है. ये राशि तीन किस्तों में 02-02 हजार रुपये कर के खातों में भेजी जाती है. अभी तक सरकार की तरफ से किसानों के खाते में 14 किस्तें भेजी जा चुकी हैं जबकि 15वीं किस्त के लिए भी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो गया है.
वहीं पीएम किसान की 15वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों के लिए थोड़ी चिंतित करने वाली खबर है. दरअसल साल 2021-22 के जुलाई-अगस्त की किस्त देश के जहां 11.19 करोड़ किसानों के खातों में पहुंची थी, वहीं इस साल केवल 9.53 करोड़ किसानों के खातों में ही इस योजना की रकम पहुंच पाई. इस तरह लाभार्थियों की लिस्ट में से दो करोड़ लोग बाहर हो गए. कुछ ऐसा ही हाल 15वीं किस्त के लिए भी हो सकता है, अगर किसान योजना की शर्तों को पूरा नहीं करेंगे.
जहां किसान बड़ी ही बेसब्री से 15वीं किस्त के लिए रजिस्ट्रेशन करने में लगे हैं. वहीं केंद्र और राज्य सरकारों की सख्ती के कारण देश के तकरीबन दो करोड़ किसान लाभार्थियों को लिस्ट से बाहर हो गए हैं. पिछले एक साल में करीब दो करोड़ किसान, जो इस योजना के तहत लाभ उठा रहे थे, अब वे वंचित हो गए हैं.
पीएम किसान पोर्टल पर दी गई सारी किस्तों के मुताबिक करीब 12 करोड़ किसान मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन, ई-केवाईसी की अनिवार्यता और खेत के कागजात के वेरीफिकेशन जैसे तमाम काम होने बाद अपात्र किसानों को इस लिस्ट से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. PM Kisan पोर्टल पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जुलाई 2023-24 की किस्त सभी राज्यों के करीब 100 प्रतिशत पात्र किसानों के खातों में पहुंच चुकी है. इसके बाद किसानों के खाते में 15वीं किस्त जल्द आएगी जिसकी तारीख का ऐलान किया जाना है.
पीएम किसान पोर्टल पर 10 अगस्त 2023 के अपडेट आने तक लद्दाख में 14156 पात्र किसान ही पात्र पाए गए हैं. जम्मू-कश्मीर में 733804, हिमाचल प्रदेश में 740027, पंजाब में 857451, हरियाणा में 1539770, राजस्थान में 5689854 और मध्य प्रदेश में 7646500 किसान ही इस योजना के पात्र पाए गए हैं. उत्तर प्रदेश में अब 18660331 किसानों को 15वीं किस्त का लाभ मिल पाएगा. वहीं बिहार के 7584538 किसान योजना के पात्र रह गए हैं. पश्चिम बंगाल में 4474761, झारखंड में 1309129, ओडिशा में 2703331, छत्तीसगढ़ में 2030470, महाराष्ट्र में 8562584 और गुजरात में 4518428 किसान अब इस योजना के पात्र हैं.
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दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों का हाल अगर दक्षिण भारत के राज्यों की बात करें तो तेलंगाना में अब 2978394, आंध्र प्रदेश में 4173950, कर्नाटक में 4965327, गोवा में 5668 पुडुचेरी में 8698, तमिलनाडु में 2096428 और केरल में 2341810 किसान ही पीएम किसान सम्मान निधि के पात्र हैं. पूर्वोत्तर राज्यों में सिक्किम में 10666, असम में 876149, अरुणाचल प्रदेश में 68874, मणिपुर में 14867 मिजोरम में 54619 किसान बेनिफिशियरी लिस्ट में हैं. मेघालय में 33389 और त्रिपुरा में भी 221493 किसान लाभार्थियों की सूची में हैं.
पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की अब तक 14 किस्त जारी हो चुकी है. वित्तीय वर्ष के मुताबिक हर साल पहली किस्त अप्रैल-जुलाई, दूसरी अगस्त-नवंबर और तीसरी किस्त दिसंबर से मार्च के बीच जारी की जाती है. यानी 15वीं किस्त 30 नवंबर के पहले कभी भी आ सकती है.
अब सबसे ज़रूरी बात ये है कि आखिर वो कौन से किसान हैं जो अपात्र हैं. इसमें ऐसे किसान शामिल हैं जिनके परिवार में कोई टैक्स देता हो तो वो इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं. यानी पति या पत्नी में से कोई पिछले साल इनकम टैक्स भरा है तो उसे इस योजाना का लाभ नहीं मिलेगा. जो लोग खेती की जमीन का इस्तेमाल कृषि कार्य की जगह दूसरे काम में कर रहे हैं या दूसरों के खेतों पर किसानी का काम करते हैं, लेकिन खेत के मालिक नहीं हैं. ऐसे किसान भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम पर नहीं है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. अगर खेत उसके पिता या दादा के नाम है तब भी वे इस योजना का फायदा नहीं उठा सकता है. अगर कोई खेती की जमीन का मालिक है, लेकिन वह सरकारी कर्मचारी है या रिटायर हो चुका है उसे भी इस योजना से वंचित किया गया है.
वहीं मौजूदा या पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री उन्हें पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिलेगा. अपात्रों की लिस्ट में प्रोफेशनल रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इनके परिवार के लोग भी आते हैं. किसान होते हुए भी यदि किसी को 10000 रुपये महीने से अधिक पेंशन मिलती है. तो वो इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते.
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