साल 2019 में जब पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत हुई थी तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन यह योजना किसानों के लिए इतनी मददगार साबित होगी. आज के समय में यह एक ऐसी योजना है जिसका लाभ किसान सबसे ज्यादा उठा रहे हैं. यही वजह है कि अब इसकी राशि बढ़ाने की मांग भी तेज हो गई है. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी इसकी राशि बढ़ाने की मांग की है. आपको बता दें कि भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि किसानों को दी जाने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) की राशि को महंगाई के हिसाब से संशोधित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान को आर्थिक सहायता सीधे और पर्याप्त रूप में दी जाए. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र को मिलने वाली अप्रत्यक्ष वित्तीय सहायता अगर सीधे किसान परिवारों को दी जाए तो हर किसान को साल में 30 हजार रुपये तक मिल सकते हैं.
ऐसे में पीएम किसान योजना से जुड़े कुछ सवाल हैं जिनका जवाब आज के समय में हर किसान ढूंढ रहा है. तो उन सवालों का जवाब इस खबर में आपके लिए है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) भारत सरकार की एक योजना है जो भूमिधारक किसान परिवारों को हर साल 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है. यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को उनकी आय को बढ़ाने में मदद करती है, ताकि वे कृषि और संबंधित किसानों की आय से संबंधित खर्चों और घरेलू खर्च को पूरा कर सकें. इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा हर पात्र किसान के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किश्तों में कुल 6,000 रुपये की राशि सीधे जमा की जाती है.
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इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसान परिवारों (Small & Marginal Farmers - SMF) को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. छोटे और सीमांत किसान वे हैं जिनके पास सीमित भूमि होती है और जो खेती से जुड़े खर्चों को पूरा करने में असमर्थ होते हैं. ऐसे में पीएम किसान योजना सिर्फ उन्हीं किसानों के लिए पात्र हैं जिनके पास खेती करने के लिए जमीन कम है.
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केंद्र सरकार द्वारा 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी. तब से यह योजना लगातार किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है. इस योजना की मदद से किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें और बिचौलियों के जाल में न फंसें.
इस योजना के तहत भूमिधारक किसान परिवार, जिनके नाम पर खेती योग्य भूमि है, वे इस योजना के तहत लाभ पाने के पात्र हैं. 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान इस योजना के तहत पात्र हैं. इसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
सरकार के मुताबिक इस योजना का लाभ उन किसानों को नहीं मिलेगा जिनके पास 2 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है. उनको भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा जिनके पास सरकारी नौकरी है या वे आयकर देते हैं. जो प्रोफेशनल पेंशनर हैं या अन्य सरकारी पेंशन प्राप्त करते हैं. राजनीतिक पदों पर कार्यरत लोग या जिनके परिवार में ऐसे लोग हैं.
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