केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र चुनौतियों से भरा है, जिनका मुकाबला करते हुए सरकार आगे बढ़ रही है. किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है. जिसमें किसानों का प्रीमियम 25 हजार करोड़ रुपये लगा है. जबकि अब तक उन्हें 1.30 लाख करोड़ रुपये क्लेम के रूप में दिए गए हैं. इसी तरह छोटे किसानों को आय सहायता के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लागू की गई है, जिसमें पूरी पारदर्शिता के साथ 3 किस्तों में 6 हजार रुपये सीधे बैंक खातों में दिए जाते हैं. अभी तक किसानों को 2.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी गई है. तोमर ने यह बात मंगलवार को समस्तीपुर, बिहार स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही.
तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती-किसानी को प्राथमिकता पर रखा है. वर्ष 2014 के पहले तक कृषि क्षेत्र का बजट लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का होता था, जबकि आज 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का कृषि बजट है. कृषि के विकास के लिए टेक्नोलॉजी के माध्यम से काम किया जा रहा है. देश के 86 फीसदी छोटे किसानों की माली हालत सुधारने के लिए ठोस काम हो रहा है. केंद्र सरकार 10 हजार नए एफपीओ बना रही है, जिस पर 6865 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे किसानों का जज्बा देश के सैनिकों की तरह है. जिस तरह सैनिक सीमाओं पर बहादुरी से डटे रहकर देश की रक्षा करते हैं, उसी तरह हमारे किसान भाई-बहन कृषि उपज उत्पन्न कर खाद्य सुरक्षा में अभूतपूर्व योगदान दे रहे हैं. यदि किसान खेती न करें तो हमारे पास पैसा होने के बावजूद पेट भरने के लिए खाद्यान्न नहीं होगा. हमारा कृषि क्षेत्र, 140 करोड़ भारत वासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसलिए किसानों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए.
मंत्री ने कहा कि दुनिया के 100 से अधिक देश हिंदुस्तान की ओर इस अपेक्षा से देखते हैं कि जब जरूरत होगी तो हिन्दुस्तान मदद करेगा, हमें इस चुनौती को भी स्वीकार करते हुए काम करना पड़ेगा. देश की आवश्यकता की पूर्ति हमारी जिम्मेदारी है, वहीं दुनिया की अपेक्षा के हिसाब से भी वर्ष 2050 तक की आवश्यकताओं की तैयारी हमें अभी से करना होगा. फसल विविधीकरण व नई तकनीकों को अपनाना होगा. कृषि उत्पादों के उत्पादन में भी हम आगे हैं. अब पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन में भी हमारी अग्रणी भूमिका है.
दीक्षांत समारोह में 635 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई, जिनमें 260 छात्राएं शामिल रहीं. मत्सयिकी महाविद्यालय की छात्रा पूर्वा शरण को सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने पर विजिटर गोल्ड मैडल दिया गया. तिरहुत कृषि महाविद्यालय ढोली की रिंटो नंदी को स्नातकोत्तर परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चांसलर गोल्ड मैडल दिया गया. विभिन्न विषयों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दीनदयाल उपाध्याय वानिकी महाविद्यालय पिपराकोठी की मनीषा भारद्वाज, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की निकिता, मानविकी महाविद्यालय की जयंती कुमारी व सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के केएम वीथी को गोल्ड मेडल दिया गया.
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