Bihar: कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की जिम्मेदारी संभालेंगे पशु मित्र, जानें क्या है यह योजना

Bihar: कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की जिम्मेदारी संभालेंगे पशु मित्र, जानें क्या है यह योजना

बिहार के कई जिलों में पशुधन सहायकों व पर्यवेक्षकों की कमी के कारण बंद पड़े कृत्रिम गर्भाधान केंद्र को एक बार फिर सरकार शुरू करने जा रही है. राज्य में राज्य में लगभग 1100 सरकारी कृत्रिम गर्भाधान केंद्र हैं और लगभग 700 निजी गर्भाधान केंद्र हैं.

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Bihar: कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की जिम्मेदारी संभालेंगे पशु मित्र, जानें क्या है यह योजनाबिहार: कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की जिम्मेदारी संभालेंगे पशु मित्र

बिहार के कई जिलों में पशुधन सहायकों व पर्यवेक्षकों की कमी के कारण बंद पड़े कृत्रिम गर्भाधान केंद्र को एक बार फिर सरकार शुरू करने जा रही है. इसके लिए पशु और मत्स्य विभाग उन केंद्रों की कमान अब पशु मित्रों को देना शुरू कर चुकी है. गौ-पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा हाल के समय में करीब 1100 पशु मित्रों को प्रोत्साहन राशि पर विभिन्न जिलों में तैनाती की जा रही है. पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो.आफाक आलम ने बताया कि सरकार के द्वारा 2025 तक 11 हजार पशु मित्रों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं राज्य में लगभग 1100 सरकारी कृत्रिम गर्भाधान केंद्र हैं और लगभग 700 निजी गर्भाधान केंद्र हैं. वहीं कई केंद्रों पर पशुधन सहायकों व पर्यवेक्षकों की कमी के कारण पशुपालक पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान नहीं करवा पाते हैं. इसके कारण किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पशु मित्रों की नियुक्ति होने के बाद काफी हद तक कई समस्याओं से निजात मिल सकता है. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालन और पशु के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

रोजगार सहित कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा

पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो. आफाक आलम ने बताया कि पहले चरण में कृत्रिम गर्भाधान केंद्र पर प्रशिक्षण प्राप्त करीब 1100 पशु मित्रों को तैनात करने का लक्ष्य है. इसको लेकर कार्य भी शुरू कर दिया गया है. वहीं 1100 पशु मित्रों के बीच में किट वितरण का कार्य पूरा हो चुका है, जो गाय व भैंस का कृत्रिम गर्भाधान करेंगे. इससे एक तरफ पशुपालकों को लाभ मिलेगा. वहीं दूसरी ओर युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.

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आगे पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री ने कहा कि आने वाले दो सालों में करीब 11 हजार पशु मित्र को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं उन्होंने राज्य सरकार की आगामी बजट के बारे में किसान तक से बात करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार बजट 2023-24 में पशु व मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से डेयरी व मत्स्य पालन को लेकर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर भी पशु एम्बुलेंस की व्यवस्था बेहतर करने का काम किया जाएगा.

कृत्रिम गर्भाधान को लेकर नहीं होगी समस्या

हाल के समय में पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान को लेकर पशुपालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. पशु मित्रों की नियुक्ति होने के बाद से कृत्रिम गर्भाधान पशुओं में आसानी से किया जा सकता है. वहीं एक एआई वर्कर को प्रशिक्षण देने में करीब 31 हजार रुपये का खर्च आता है. इसके साथ ही जो किट दिया जाता है. उसकी कीमत करीब 26 हजार रुपये होती है. पशु व मत्स्य संसाधन विभाग प्रति केस पशु मित्र को सीमेन चढ़ाने पर 50 रुपये देगी. इसके साथ ही कृत्रिम गर्भाधान के बाद बच्चा पैदा होने पर 600 रुपये प्रोत्साहन राशि देगी. हाल के समय में राज्य में निजी व सरकारी कृत्रिम गर्भाधान केंद्र लगभग 1800 है, जबकि सरकार के द्वारा आने वाले समय में 2700 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है.

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