देश में सुपारी के न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) बढ़ाने को लेकर कृषि मंत्रालय ने पहल की है. इसके बारे में कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि उनके विभाग ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) को सुपारी की मौजूदा कीमतों 251 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 351 रुपये प्रति किलोग्राम करने का प्रस्ताव भेजा गया है. शुक्रवार को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में आयोजित कृषि मशीनरी मेले का उद्घाटन करते हुए करंदलाजे ने कहा कि सुपारी सहकारी समितियों की ओर से यह मांग की गई है. इसके बाद सुपारी का न्यूनतम आयात मूल्य बढ़ाने का प्रस्ताव डीजीएफटी को भेजा गया है.
केंद्रीय कृषि विभाग के प्रस्ताव पर आखिरी फैसला केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय को लेना है. कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वाणिज्य मंत्रालय एमआईपी को 251 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 351 रुपये प्रति किलोग्राम कर देगा. इससे सुपारी उगाने वाले और इसका व्यापार करने वाले लोगों को फायदा होगा.
सुपारी उगाने वाले किसानों और को-ऑपरेटिव लगातार सुपारी की न्यूनतम आयात मूल्य को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. यह मूल्य केवल आयातीत सुपारी के लिए बढ़ाने की मांग हो रही है. आयात की कीमतें बढ़ने से देश में उगाई जाने वाली सुपारी को बढ़ावा मिलेगा और इसके किसान-व्यापारी लाभ पाएंगे. अभी इसका प्रस्ताव डीजीएफटी को भेजा गया है, लेकिन अंतिम फैसला वाणिज्य मंत्रालय को लेना है.
बिना रोक टोक देश में आयात होने वाली सुपारी पर प्रतिबंध लगाने और घरेलू बाजार में बेकार क्वालिटी वाली सुपारी के आवक को रोकने के लिए इस तरह के कदम उठाने की मांग की गई है. अभी केंद्र ने एमआईपी को 251 रुपये प्रति किलो तय किया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा लोकसभा में हाल ही में दिए गए एक जवाब में 2022-23 के पहले आठ महीनों के दौरान सुपारी के आयात में भारी वृद्धि दिखाई गई है. इससे किसानों और व्यापारियों की चिंता और बढ़ गई है. किसान और व्यापारियों का मानना है कि सुपारी का आयात बढ़ने से देश में उगाई जाने वाली सुपारी पर असर पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें:- सदन में पिछले साल का बजट पढ़ गए सीएम गहलोत, विपक्ष बोला- लीक हो गया कागज
कैंपको के अध्यक्ष किशोर कुमार कोडगी ने इस अवसर पर कहा कि हाल के महीनों में म्यांमार, इंडोनेशिया, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों से सुपारी का आयात काफी बढ़ गया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र जल्द ही सुपारी पर एमआईपी बढ़ाकर 351 रुपये प्रति किलो कर देगा.
कृषि राज्यमंत्री करंदलाजे ने सुपारी और नारियल उत्पादन करने वाले किसानों से अपने बागानों में ताड़ के तेल की खेती बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि भारत अभी भी खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है. एक वर्ष में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के खाद्य तेल का आयात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को अपने बागानों में ताड़ उगाने पर विचार करना चाहिए क्योंकि पॉम ऑयल किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करेगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today