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सरकारी ई-कॉमर्स ONDC से 5630 किसान समूह जुड़े, चावल-दालें शहद-मशरूम समेत किसानों के 3100 प्रोडक्ट बेचे जा रहे 

सरकारी ई-कॉमर्स ONDC से 5630 किसान समूह जुड़े, चावल-दालें शहद-मशरूम समेत किसानों के 3100 प्रोडक्ट बेचे जा रहे 

देशभर के किसानों के उत्पादों को ऑनलाइन तरीके से बिक्री कर घर-घर तक पहुंचाने के लिए किसान उत्पादक संगठन (FPO) तेजी से सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी से जुड़ रहे हैं.  अब तक 5,630 एफपीओ ONDC पर अपने उत्पाद बिक्री कर रहे हैं. अगले 6 महीने में सभी एफपीओ को ओएनडीसी से जोड़ने का लक्ष्य है. 

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सरकारी ई-कॉमर्स ONDC से 5630 किसान समूह जुड़े. सरकारी ई-कॉमर्स ONDC से 5630 किसान समूह जुड़े.

देशभर के किसानों के उत्पादों को ऑनलाइन तरीके से बिक्री कर घर-घर तक पहुंचाने के लिए किसान उत्पादक संगठन (FPO) तेजी से सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी से जुड़ रहे हैं.  अब तक 5,630 एफपीओ ONDC पर अपने उत्पाद बिक्री कर रहे हैं. यह एफपीओ किसानों की फसलें या उत्पाद जैसे चावल, दालें, शहद, बाजरा, मशरूम, मसाले समेत 3,100 तरह के उत्पाद ऑनलाइन बेच रहे हैं. इससे किसानों को सही दाम और तेज भुगतान प्राप्त हो रहा है. अगले 6 महीने में सभी एफपीओ को ओएनडीसी से जोड़ने का लक्ष्य है. 

रिपोर्ट के अनुसार राज्यों में कम से कम 5,630 किसान समूह अब सरकार के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर चावल, दालें, शहद, बाजरा, मशरूम, मसाले समेत विभिन्न कृषि उपज बेच पा रहे हैं. छोटे उद्यमों को समर्थन देने के लिए ओएनडीसी को अमेजन और वॉलमार्ट जैसे वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गजों के विकल्प के रूप में देश में प्रचारित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर ट्रांजैक्शन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाना है.

6 माह में सभी एफपीओ ओएनडीसी से बिक्री करेंगे

देश के किसी भी हिस्से में अपने खरीदारों तक पहुंचने के लिए ओएनडीसी पर एफपीओ को शामिल करना किसानों को बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध कराता है. सूत्रों ने बताया है कि देशभर में करीब 8000 एफपीओ रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 5,630 एफपीओ ONDC के जरिए किसानों के उत्पाद ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं. जबकि, बाकी 3000 किसान उत्पादक संगठनों को अगले 6 महीने में ओएनडीसी में शामिल करने का लक्ष्य है. 

PACS को भी एफपीओ से जोड़ जा रहा 

ओएनडीसी नेटवर्क में इंटरसिटी लॉजिस्टिक्स के लिए मिस्टोर, पेटीएम, मैगिनपिन और डेल्हीवरी सहित 30 से अधिक डिजिटल एप्लिकेशन को ऑनबोर्ड कर रखा है, जिसकी मदद से किसानों से उनके उत्पाद कलेक्ट किए जाते हैं और उन्हें सीधे ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है. वहीं, FPO योजना में PACS के एकीकरण से उन्हें कृषि उत्पादन इनपुट, कृषि उपकरण और प्रसंस्करण जैसे कि अनाज की सफाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, भंडारण आदि गतिविधियों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने में मदद मिलेगी.

कई राज्यों में एफपीओ ने जबरदस्त कारोबार किया 

राजस्थान के एफपीओ रिच रिटर्नंस ने मिस्टोर के जरिए 3,00,000 रुपये मूल्य के चना और लहसुन पापड़ और बाजरा से बने उत्पाद बेचे हैं. रिच रिटर्न्स की ओर से कहा गया कि 2023-24 वित्तीय वर्ष में ओएनडीसी पर 4,00,000 रुपये का बिक्री कारोबार हासिल किया है. वहीं, राजस्थान के किसानों के समूह ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल का उपयोग करके भारतीय सेना को 2,00,000 रुपये मूल्य के उत्पाद सप्लाइ किए हैं. 80 एफपीओ का समर्थन करने वाले समूह बेसिक कृषि समृद्धि ने इस वित्तीय वर्ष में ओएनडीसी के बोर्ड में शामिल होने के बाद से 5 मिलियन रुपये की बिक्री को पार कर लिया है. जबकि, वित्त वर्ष 2025 में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में ओएनडीसी के जरिए बिक्री को 10 मिलियन रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है. 

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