देश में कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जाते हैं. सरकार का ध्यान न केवल अनाजों की पैदावार को बढ़ाने पर है. बल्कि छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक आय को बढ़ाने का काम भी सरकार लगातार कर रही है. केंद्र सरकार ने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए लगातार कई प्रयास करती है. चाहे वह उनकी फसलों का बीमा कराना हो, चाहे कृषि को आधुनिक बनाकर अच्छी उपज देना. चाहे उनके गल्ले की खरीदी और बिक्री को आसान बनाकर अच्छे मूल्य दिलाना. भारत सरकार के फूड कार्पोरेशन ने बताया है कि केंद्र सरकार मूल्य समर्थन प्रणाली के तहत खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान किसानों से धान की खरीदी की है. जिसके तहत कई किसानों को सीधा लाभ मिला है.
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विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान महाराष्ट्र के किसानों से भी सरकार ने समर्थन मूल्य के अंतर्गत धान की खरीदी की है. सरकार ने इस खरीफ विपणन वर्ष में महाराष्ट्र से लगभग 9.83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है जिसमें राज्य के 2,82,943 किसानों को फायदा हुआ है. इन किसानों को धान की खरीदी का भुगतान सरकार की ओर से सीधे इनके खाते में किया गया है.
किसानों की सबसे समस्या रहती थी उनके फसलों को समय पर नहीं खरीदा जाता था और उसके बाद उसके भुगतान को लेकर कई तरह की समस्याएं बनी रहती थीं लेकिन सरकार की ओर से की जाने वाली इस तरह की व्यवस्था से किसानों को उनके अनाज की भुगतान सही समय पर किया जाएगा. साथ ही फसल खरीदी केंद्र में हो रही धांधली और बिचौलियों की घूसखोरी से भी बचाव होगा.
खरीफ विपणन शब्द के बारे में अधिकांश लोग हीं जानते होंगे. दरअसल कृषि उत्पादनों के खेत से लेकर सीधा उपभोक्ता तक पहुंचाना कृषि विपणन कहलाता है. इसमें अनाजों का भंडारण, परिवहन, सुरक्षित खरीदी और बिक्री आदि शामिल है. इसमें रबी, खरीफ, वनीय और बागवानी आदि शामिल हैं. फूड कॉर्पोरेशन ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022- 23 के दौरान पुडुचेरी के किसानों से कुल 345 मीट्रिक टन धान की खरीदी की है. इसमें सीधे 84 किसानों को भुगतान उनके बैंक खाते के माध्यम से किया गया है.
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