आज के वक्त में छोटे और मझोले किसान खेती में कम होती इनकम और हेल्दी भोजन अभाव के कारण धन और तन दोनों से कमजोर हो जाते हैं. इस परेशानी से निकलने के लिए किसानों अपने गांव में ही अपना स्वरोजगार साधन खोजना होगा. बहुत से किसान कम संशाधन के बावजूद नए प्रयोगों के दम पर अच्छी कमाई कर रहे हैं. अगर आप कम लागत में खुद का रोजगार चाहते हैं तो ऑयस्टर मशरूम की खेती आप के लिए काफी मददगार हो सकती हैं. यूपी गौतममबुद्ध नगर दादरी के रोजा याकूबपूर के नरेश चौहान ने इसे सही साबित करके दिखाया है. ऑयस्टर मशरूम की खेती से उन्होंने बेहतर इनकम की है. उन्होंने ओएस्टर मशरूम अपनी यूनिट शेरपुर जिला देहरादून में खोल ली है.
नरेश चौहान ने छोटी सी जगह से ऑयस्टर मशरूम से मुनाफे की फसल काट रहे हैं. नरेश चौहान का कहना है कि ऑयस्टर मशरूम शाकाहारियों का मीट होता है और मशरूम पौष्टिकता के मामले में किसी भी मेडिसिनल वैल्यू वाले खाद्य पदार्थ से कम नहीं है. इसमें भारी मात्रा में एंटीबायोटिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की जीवाणुओं से रक्षा करते हैं. इतना ही नहीं यह खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी नहीं बढ़ने देता है. यही वजह है की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में भी ऑयस्टर मशरूम की डिमांड बढ़ी है. पर्यावरण, हेल्थ और रोजगार के नजरिए से काफी फायदेमंद है. नरेश चौहान पिछले 4 सालों से ऑयस्टर मशरूम और उससे संबधित उत्पाद का उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं. ऑयस्टर मशरूम के लिए भूसे का इंतजाम करना होता है. उन्होंने बताया कि एक क्विंटल भूसा जिसमें 10 ग्राम का स्पॉन यानी मशरूम का बीज कुछ उपचार की जरूरत होती है. उन्हें 20-25 दिन के बाद मशरूम मिलने लगता है.
सफल किसान ऑयस्टर मशरूम की खेती ज्यादा फायदे का सौदा है. इसके कई कारण है,जिनमें पहला कारण ये की इसके उत्पादन में कम लागत बहुत कम आती है और दूसरा की कम समय में ही बटन मशरूम की अपेक्ष तीन गुना लाभ भी देती है. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं की अगर आपने एक 1 किलो का बैग तैयार करने में 30 से 35 रुपए खर्च आता है तो आपको 1 किलो से उपर ऑयस्टर मशरूम मिलेगा, जिससे किसान 150 से 200 रुपए प्रति किलो तक का मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने कहा मुझे एक कमरे में 2 से 2.5 क्विंटल तक की उपज मिल जाता है. एक बैग से 1 से 1.5 किलो के हिसाब 30-35 रुपए खर्च आता है ये लगभग 150-200 रुपए किलो बिकता है. इस एक किलो मशरूम से 100 रुपये से लेकर 150 रूपये का फायदा मिलता है. इस तरह तीन गुना लाभ होता है.
नरेश चौहान ने कहा कि बटन मशरूम से अगर ऑयस्टर मशरूम की तुलना करें तो ना सिर्फ लागत कम आती है, बल्कि इसका अधिक उत्पादन करना भी आसान है. जहां बटन मशरूम 2-3 दिन में खराब होने लगता है. वहीं, ऑयस्टर मशरूम आसानी से 3-4 दिन तक टिकता है और फ्रीज में तो इसे 15 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. ऑयस्टर मशरूम खाने में स्वादिष्ट और सेहत में भी ज़्यादा अच्छा होता है. दूसरी बड़ी खूबी यह है कि ऑयस्टर मशरूम सुखाकर पाउडर आप सालभर बेच सकते हैं. उन्होंने कहा 10 किलो मशरूम से 1 किलो सूखा मशरूम 1000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है. ऑयस्टर मशरूम बडी सरलता से घरों के बंद कमरों में उगाया जा सकता है. क्योकि, इसके उत्पादन के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है. वहीं, दुसरी तरफ इसकी उत्पादन तकनीक बहुत सरल और उत्पादन लागत बहुत कम है. इसलिए ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन समाज का हर वर्ग इसे छोटे या बड़े स्तर कर सकता है. इसका उत्पादन सालों तक आसानी से किया जा सकता है. जहां तापमान कम हो उस एरिया में साल भर भी उगाया जा सकता है.
नरेश चौहान कहना है कि ऑयस्टर मशरूम 2 से ढाई महीने की फसल है,.लेकिन, बेहतर उपज लेने के लिए इस दौरान काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है, यानि मशरूम घर की साफ-सफाई का खास ख्याल रखना होता है, जिससे मशरूम में किसी तरह का रोग ना लगे. इस तरह ऑयस्टर मशरूम का बिजनेस ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके पास जगह कम है, पूंजी कम है. इसकी विधि भी आसान है और पूरे साल इसकी खेती की जा सकती है. 12 बाई 10 के कमरे से 7 से 8 हजार रूपये प्रति महीने की इनकम मिल जाती है. अगर किसान एरिया बढ़ाते हैं तो वे सालाना लाखों की आमदनी कर सकते हैं.
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