आजकल लोग अधिक मुनाफा कमाने और खेती में बढ़ती रुचि को देखते हुए खेती से जुड़ा स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, लेकिन जानकारी और पूंजी की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं या फिर अगर शुरू भी करते हैं तो उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों के लिए एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर काफी मददगार साबित हो रहे हैं. आइए सबसे पहले जानते हैं कि एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर क्या है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत "नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास" कार्यक्रम चला रहा है. इसके जरिए देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम नवाचार और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके बढ़ावा दिया जा रहा है. ताकि लोग अपने साथ-साथ दूसरों के भी रोजगार पैदा कर सकें. इसी कड़ी में केंद्र सरकार लगातार ऐसे लोगों की मदद करती नजर आ रही है.
कृषि-स्टार्टअप के प्रशिक्षण और इनक्यूबेशन और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए अब तक 5 नॉलेज पार्टनर और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) नियुक्त किए गए हैं. यहां जानकारी प्राप्त कर आप अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं.
इस कार्यक्रम के तहत आइडिया/प्री-सीड चरण में 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है. कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उद्यमियों/स्टार्टअप को अपने उत्पादों, सेवाओं, व्यापार प्लेटफार्मों आदि को बाजार में लॉन्च करने और उन्हें अपने उत्पादों और संचालन को बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रारंभिक चरण में 25 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है.
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प्रत्येक नॉलेज पार्टनर और आर-एबीआई इनोवेशन और कृषि-उद्यमिता कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता के लिए एक वर्ष में प्री-सीड और सीड चरण की प्रत्येक श्रेणी में अधिकतम 20 स्टार्ट-अप का चयन करते हैं. इस उद्देश्य के लिए गठित समिति द्वारा दी गई अनुशंसा के आधार पर चयनित स्टार्टअप्स को किश्तों में बजट जारी किया जाता है.
इस कार्यक्रम के तहत भागीदारों और आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटरों द्वारा स्टार्ट-अप को प्रशिक्षित और इनक्यूबेट किया जाता है. वित्तीय, तकनीकी, आईपी मुद्दों आदि पर तकनीकी सहायता और सलाह प्रदान की जाती है. इसके अलावा, भारत सरकार कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कृषि-स्टार्टअप कॉन्क्लेव, कृषि मेलों और प्रदर्शनियों, वेबिनार, कार्यशालाओं आदि सहित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित करती है. उन्हें विभिन्न हितधारकों के साथ जोड़कर एक मंच प्रदान करना.
इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों में स्थित नॉलेज पार्टनर्स और आर-एबीआई को धनराशि जारी की जाती है. 2019-20 से 2023-24 तक विभिन्न ज्ञान भागीदारों और आर-एबीआई के माध्यम से कुल 1554 कृषि स्टार्टअप को किश्तों में 111.57 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है. देश भर के कई कृषि अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों में एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर बनाए गए हैं, जहां वैज्ञानिक समय-समय पर स्टार्टअप शुरू करने के लिए कार्यक्रम चलाते हैं. आप यहां संपर्क करके भी अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं.
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