काश्तकार और पट्टेदार किसानों की भी होगी फार्मर रजिस्ट्री, सरकार ने संसद में दी जानकारी

काश्तकार और पट्टेदार किसानों की भी होगी फार्मर रजिस्ट्री, सरकार ने संसद में दी जानकारी

रामनाथ ठाकुर ने कहा कि किसान रजिस्ट्री एप्लिकेशन में काश्तकार और पट्टेदार किसानों को भी शामिल करने का प्रावधान है. ऐसे में कोई भी राज्य अपनी नीति के अनुसार ऐसे किसानों को किसान रजिस्ट्री में शामिल करने का निर्णय ले सकते हैं.

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काश्तकार और पट्टेदार किसानों की भी होगी फार्मर रजिस्ट्री, सरकार ने संसद में दी जानकारीफार्मर रजिस्ट्री

कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि राज्य सरकार यह तय कर सकती हैं कि उन्हें अपने किसान रजिस्ट्री में काश्तकार और पट्टेदार किसानों को शामिल करना है या नहीं. डिजिटल कृषि मिशन के तहत राज्य किसान रजिस्ट्री किसानों को सरकारी लाभों तक पहुंचने के लिए एक विशिष्ट किसान आईडी पाने में सक्षम बनाती है. निचले सदन में अपने लिखित उत्तर में ठाकुर ने कहा कि राज्य किसान रजिस्ट्री में महिला किसानों सहित सभी भूमि धारक किसान शामिल हैं.

राज्य सरकार ले सकती है फैसला 

रामनाथ ठाकुर ने कहा कि किसान रजिस्ट्री एप्लिकेशन में काश्तकार और पट्टेदार किसानों को भी शामिल करने का प्रावधान है. ऐसे में कोई भी राज्य अपनी नीति के अनुसार ऐसे किसानों को किसान रजिस्ट्री में शामिल करने का निर्णय ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है, लेकिन जिन किसानों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, उनके लिए डिजिटल जानकारी मुहैया कराने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए गए हैं.

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डिजिटल कृषि मिशन पर जोर

वे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि सखियों और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) जैसी मौजूदा सहायता का उपयोग करके एग्रीस्टैक पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और सेवाओं और लाभों तक पहुंच सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि कोई भी किसान इस मिशन के तहत लाभ पाने से वंचित न रह जाए. दरअसल, सरकार ने 2,817 करोड़ रुपये के लागत के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है.

फार्मर रजिस्ट्री कराने का लाभ

  • किसानों को फार्मर रजिस्ट्री करने के बाद बार-बार ईकेवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.  
  • बैंक से डिजिटल केसीसी के माध्यम से अधिकतम 2 लाख रुपये का लोन बिना किसी दस्तावेज के प्राप्त किया जा सकता है.
  • कृषि और उससे सम्बन्धित विभाग की सभी योजनाओं में सब्सिडी का लाभ पारदर्शी तरीके से उपलब्ध हो सकेगा.
  • किसानों को फसली लोन और फसल बीमा की क्षतिपूर्ति और आपदा राहत प्राप्त करने में आसानी होगी.
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद में किसानों का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगा.
  • किसानों को संस्थागत खरीदारों से जुड़ कर अपनी फसलों का उचित दाम प्राप्त करने में सुविधा होगी.
  • फार्मर रजिस्ट्री होने के बाद कोई भी डाटा, रियल टाइम खतौनी के माध्यम से अपडेट होकर फार्मर रजिस्ट्री में अपडेटेड रहेगा.
  • फार्मर रजिस्ट्री और अन्य अपडेट होने से किसानों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने में सहायता मिलेगी.

फार्मर रजिस्ट्री करने का तरीका

जो किसान जिस राज्य के हैं, वहां के कृषि विभाग द्वारा जारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर ऑनलाइन माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं. इसके लिए उसके पास खतौनी, आधार कार्ड और आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर, जिस पर ओटीपी आता हो वह होना आवश्यक है. किसान खुद से रजिस्ट्रेशन करने के लिए अपने मोबाइल ऐप (जैसे Farmer Registry UP) और वेब पोर्टल के जरिए फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं.

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