उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 8 साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में सरकार ने 8 साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है. हर जिला मुख्यालय पर सरकार द्वारा समग्र विकास के कार्यो को लेकर 25, 26 और 27 मार्च का दिन विकास उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की कृषि विकास दर 13.5% से अधिक रिकॉर्ड की गई है. इससे प्रदेश के जीडीपी में 28 फीसदी की बढोत्तरी हुई है. बता दें कि 2017 में योगी सरकार की पहली कैबिनेट द्वारा 36 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की गई थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में प्रकृति की प्रचुर मात्रा में अवसर थे. हम इसको आगे बढ़ा सकते थे. 2017 से पहले किसान आत्महत्या करता था. कृषि सेक्टर में एक वीरानी छाई हुई थी. 2017 के बाद इस क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं. कृषि विकास दर 13.5 फीसदी से अधिक हुई है. इससे प्रदेश के जीडीपी में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसकी शुरुआत हमारी पहली कैबिनेट में 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी करके की गई.
उन्होंने बताया कि आज किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना सहित हर योजना में धनराशि डीबीटी के माध्यम से जा रही है. सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढ़ोतरी हुई है. वर्षों से सिंचाई परीयोजनाएं लंबित पड़ी थीं. हमने इन्हें शुरू किया. आज आठ वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा किसानों को मिली.
प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालयों का उन्नयन हुआ. एक कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की. जबकि 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई. प्रदेश इस सेक्टर में एक अलग स्पीड से आगे बढ़ा. 2017 से पहले चीनी उद्योग बंदी के कगार पर था, इस दौर में आंदोलन होता था. गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया था. चीनी मिलें बंद होती जा रही थीं. हमने तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की. छह नई चीनी मिलों को पुनः संचालित किया. 38 मिलों का विस्तार किया. वहीं वर्तमान में 122 चीनी मिलें क्रियाशील हैं.
सीएम ने आगे कहा कि 2017 से अब तक 2 लाख 80 हजार करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया. पिछली सरकारों के 22 वर्ष के कुल भुगतान से 60 हजार करोड़ से ज्यादा भुगतान हमने आठ वर्ष में किया. पीएम कुसुम योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगाकर लगभग 86 हजार किसानों के जीवन मे बदलाव लाया गया. 14 लाख निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का कार्य किया. 2017 से पहले हर जगह बिचौलियों का बोलबाला था.
उन्होंने कहा कि 2017 से 2023 तक गेंहू क्रय का भुगतान हमने ढाई गुना ज्यादा (तीन हजार 424 करोड़) भुगतान किया. धान के क्रय में 88 हजार करोड़ 746 करोड़ डीबीटी के माध्यम से दिया गया. सरकार ने 32 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को बाढ़ से बचाने का कार्य किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए 7700 से अधिक गो आश्रय स्थल में 12 लाख 50 हजार से अधिक गोवंश का संरक्षण सरकार स्वयं कर रही है. साथ ही सहभागिता योजना के माध्यम से एक लाख पांच हजार पशुपालकों को एक लाख 63 हजार गोवंश उनकी सुपुर्दगी में दिया गया. इसके लिए सरकार 1500 रु प्रति गोवंश प्रति माह दे रही है.
पशुपालक गोवंश का पालन करें, इसके लिए सरकार उनको लगातार प्रोत्साहन दे रही है. 25 प्रजाति की देशी नस्ल की गायों के संरक्षण, संवर्धन एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने नायाब पहल की है. इसके लिए शुरू की जाने वाली 'नंदनी कृषक समृद्धि योजना' के तहत बैंकों के लोन पर सरकार पशुपालकों को 50% सब्सिडी देगी. इसी क्रम में सरकार ने अमृत धारा योजना भी लागू की है. इसके तहत दो से 10 गाय पालने पर सरकार बैंकों के जरिये 10 लाख रुपये तक अनुदानित ऋण आसान शर्तों पर मुहैया कराएगी. योजना के तहत तीन लाख रुपये तक अनुदान के लिए किसी गारंटर की भी जरूरत नहीं होगी.
हाल ही प्रस्तुत बजट में सरकार ने छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. इसके पहले अनुपूरक बजट में भी इस बाबत 1001 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. यही नहीं बड़े गोआश्रय केंद्र के निर्माण की लागत को बढ़ाकर 1.60 करोड़ रुपये कर दिया है। ऐसे 543 गोआश्रय केंद्रों के निर्माण की भी मंजूरी योगी सरकार ने दी है. मनरेगा के तहत भी पशुपालकों को सस्ते में कैटल शेड और गोबर गैस लगाने की सहूलियत दी जा रही.
योगी सरकार पीपीपी मॉडल पर जेवर इंटर नेशनल एयरपोर्ट के पास लगाने जा रही है. रेडिएशन ट्रीटमेंट तकनीक में निर्यात किए जाने वाले फल, सब्जी,अनाज को रेडिएशन से गुजरा जाता है. इससे उनमें मौजूदा कीटाणु मर जाते हैं और ट्रीटेड उत्पाद की सेल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है. सरकार की मंशा सिर्फ आम के उत्पादन में ही नहीं निर्यात में भी उत्तर प्रदेश को नंबर वन बनाने की है. उत्तर प्रदेश में आम का सबसे अधिक उत्पादन होता है. उत्तर प्रदेश के आम बागवानों के लिए यूएस और यूरोपियन देशों के बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी.
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