छोटे किसानों के लिए खुशखबरी है. खासकर 5 एकड़ से छोटी जोत वाले किसानों के लिए. केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश की सरकार ने ऐसे किसानों के लिए एक खास सुविधा देने का ऐलान किया है. ऐसे किसानों के लिए एक सपोर्ट स्कीम शुरू की गई है. इस स्कीम का नाम इम्पलॉयमेंट गारंटी स्कीम है. इस स्कीम के तहत 5 एकड़ से छोटी जोत वाले किसानों को बागवानों फसलों की 16 वैरायटी के पौध फ्री में दिए जाएंगे. यानी छोटे किसान इन पौधों को मुफ्त में लेकर अपनी खेती में इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
इस स्कीम से आंध्र प्रदेश के नांड्याल जिले के किसान बहुत खुश हैं. वे स्कीम का लाभ लेकर वे अपनी खेती बढ़ाना चाहते हैं. इसकी जानकारी News18 से बातचीत में एनआरईजीएस के असिस्टेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर गोरी भाई ने दी है. गौरी भाई नंदीकोटकुर जुपड़ बंगला मंडल के अधिकारी हैं. वे कहते हैं कि किसानों के लिए यह स्कीम इसलिए शुरू की गई है ताकि वे बागवानी फसलों के प्रति दिलचस्पी बढ़ा सकें. किसान इस प्रयास से अपनी खेती में विविधता लाएंगे जिससे उनकी लागत घटेगी और कमाई बढ़ेगी.
गौरी भाई कहते हैं कि यह स्कीम उन किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होने वाली है जो मौसमी मार से परेशान रहते हैं. जिन किसानों की फसलें बेमौसमी बारिश से तबाह हो जाती है और कमाई तो दूर, लागत पर भी पानी फिर जाता है. इस स्कीम के जरिये किसान बागवानी फसलों की ओर रुख करेंगे जिससे उन्हें फायदा होगा. तभी सरकार उन्हें बढ़ावा देने के लिए बागवानी फसलों के पौधे मुफ्त में बांट रही है. किसान बागवानी फसलों की खेती कर बाढ़ और सूखे जैसी समस्या से निजात पा सकेंगे.
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आंध्र प्रदेश सरकार के इस अधिकारी ने कहा कि मुफ्त में पौधे बांटकर किसानों की कठिनाई कम की जा सकती है. वे बताते हैं कि इस सपोर्ट स्कीम में किसानों को केवल मुफ्त में पौधे ही नहीं दिए जा रहे बल्कि और भी कई सुविधाएं दी जा रही हैं. जैसे पौधे लगाने के लिए गड्ढा खुदाई का खर्च, और साल में दो बार खाद का पैसा भी दिया जा रहा है.
जिन किसानों को इस फ्री स्कीम में दिलचस्पी है, वे इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी नरेगा दफ्तर में जाना होगा. साथ में उन्हें कुछ जरूरी दस्तावेज ले जाना होगा. जैसे खेत का कागज, जॉब कार्ड, बैंक पासबुक और पासपोर्ट साइज फोटो. इसके साथ किसान को फॉर्म भरकर देना होगा. सरकारी अधिकारी फॉर्म की जांच करेंगे और फिर किसान को लाभ देने का काम सुनिश्चित करेंगे.
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यहां जानना जरूरी है कि यह सुविधा केवल पौध वितरण पर मिल रही है क्योंकि किसानों को इन पौधों का पूरा ध्यान भी रखना है. स्कीम का लाभ लेकर किसानों को पौधों की ग्रोथ भी बनाए रखनी होगी. कहीं ऐसा न हो कि फ्री स्कीम का लाभ किसान उठा लें, लेकिन पौधों का ध्यान न रखा जाए. इससे स्कीम पर विपरीत असर हो सकता है. सरकार ने 5 एकड़ से कम जोत वाले किसानों का लक्ष्य इसलिए रखा है ताकि गरीब और छोटे किसानों को बागवानी फसलों के प्रति बढ़ावा देकर उनकी कमाई बढ़ाई जा सके.
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