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PMFBY: यूपी के क‍िसानों को म‍िलेंगे 462 करोड़ रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

PMFBY: यूपी के क‍िसानों को म‍िलेंगे 462 करोड़ रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के किसानों को आज एक बड़ी सौगात मिली है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा लॉन्च आफ डीजी क्लेम मॉड्यूल का शुभारंभ किया गया.

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उत्तर प्रदेश कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही उत्तर प्रदेश कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेश के किसानों को आज एक बड़ी सौगात मिली है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा लॉन्च आफ डीजी क्लेम मॉड्यूल का शुभारंभ किया गया. वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर के द्वारा खरीफ 2022 के मौसम के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सहित छह राज्यों के कृषकों को क्षतिपूर्ति की धनराशि उनके खातों में भेजी गई है. उत्तर प्रदेश की 903336 कृषकों को 462.80 करोड़ की धनराशि भी उनके खातों में भेजी गई है. फसल बीमा की धनराशि क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर दी गई है.

उत्तर प्रदेश के किसानों को फसल बीमा से मिले 462 करोड़

उत्तर प्रदेश के किसानों को खरीफ 2022 में मौसम के चलते आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर धनराशि किसानो के खातों में  भेजा गया है. प्रदेश में 2.18 लाख कृषकों को 134.25 करोड़ की धनराशि पहले ही बीमा कंपनियों के द्वारा भुगतान किया जा चुका है. वहीं अब 903336 कृषकों को 462.80 करोड़ की धनराशि फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से अंतरित की गई है. इस प्रकार खरीफ 2022 के मौसम के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में किसानों को अब तक 597.05 करोड़ की धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में दी जा चुकी है. 

कृषि मंत्री के द्वारा किसानों के हित में भेजे गए चार सुझाव

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के द्वारा किसानों के हित में चार महत्वपूर्ण सुझाव  केंद्रीय कृषि मंत्री को भेजे गए हैं. उन्होंने कहा आपदा की स्थिति में कृषकों द्वारा व्यक्तिगत क्षति की सूचना जो 72 घंटे में दी जानी होती है, उसे बढ़ाकर अब 4 से 5 दिन किया जाए. असफल बुवाई के अंतर्गत ग्राम पंचायत में 75% क्षेत्र में बुवाई ना होने के कारण क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्रावधान है. उसे घटाकर आप 60% कर दिया जाए. जिससे कि यदि कृषकों को लाभ मिलेगा. वहीं योजना में कृषकों की भागीदारी एवं विश्वसनीयता भी बढ़ेगी. भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि बैंकों द्वारा प्रीमियम की धनराशि की कटौती करने के उपरांत प्रीमियम की धनराशि बीमा कंपनी को निर्धारित समय अंतर्गत उपलब्ध करा दी जाए. जिससे कृषकों के योजना के लाभ से वंचित न रह सकें.पोर्टल के माध्यम से क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान कृषकों को फसल कटाई के एक माह के अंदर कर दिया जाए. कृषि मंत्री के द्वारा भारत सरकार के द्वारा उपरोक्त सुझावों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन भी दिया गया है.

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कृषि क्षेत्र में इन  योजनाओं को मिली वित्तीय स्वीकृति

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के कार्यालय से प्राप्त सूचना में बताया गया है कि फसल कृषि कर्म, विस्तार तथा किसानों को प्रशिक्षण, कृषि प्रसार प्रायोजना एवं प्रदर्शनियां योजना के चिकित्सा व्यय में प्रस्तावित धनराशि रुपये 295.00 लाख के सापेक्ष धनराशि रुपये 148.00 लाख (रुपये एक करोड अडतालिस लाख मात्र) की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में कृषि अनुसंधान तथा शिक्षा अन्य संस्थाओं को सहायता कृषि विश्वविद्यालय, बांदा की स्थापना, सामान्य (गैर वेतन) मद में विश्वविद्यालय कन्टीनजेन्सी हेतु उपलब्ध धनराशि रुपये 198.00 लाख के सापेक्ष चतुर्थ किश्त के रूप में अवशेष धनराशि रुपये 48.00 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है.