हरियाणा में फसल नुकसान के मुआवजे के लिए बनाए गए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यह गड़बड़ी है पोर्टल पर किसी की जमीन किसी और के नाम दर्ज होने की. कुछ मामलों को मिलने के बाद राज्य सरकार इसे लेकर सतर्क हो गई है और उसने बाकायदा इसके लिए एक आदेश जारी किया है. गड़बड़ी की शिकायतों को देखते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिले में किसानों को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर बैंक खातों और मोबाइल नंबर की जांच करने की एडवाइजरी जारी करें ताकि पीड़ित किसानों के साथ धोखाधड़ी भी न हो और नुकसान की मुआवजा रकम जमीन के असली मालिक को मिल सके.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि फसल नुकसान होने पर ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जानकारी दर्ज करवानी होती है. किसानों की सुविधा के लिए स्वयं किसानों द्वारा अपने नुकसान का ब्यौरा दर्ज करवाने का विकल्प भी दिया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ किसानों ने शिकायत की है कि जब वे अपनी फसलों के खराब होने का ब्यौरा ऑनलाइन-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाने गए तो पता चला कि उनकी जमीन के मालिक के तौर पर बैंक खाता नंबर तथा मोबाइल नंबर किसी अन्य व्यक्ति ने दर्ज करवा रखे हैं. यह सरासर धोखाधड़ी है. हालांकि, सरकार यह भी मानकर चल रही है कि ऐसे मामले अधिकतर उन किसानों के सामने आते हैं जो कम पढ़े-लिखे हैं. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर है.
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प्रवक्ता ने प्रदेश के किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि सभी किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने-अपने बैंक खाता व मोबाइल नंबर की जांच कर लें. अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो वे तुरंत प्रभाव से अपने क्षेत्र के तहसीलदार या एसडीएम को बताएं. ताकि गलत रिकॉर्ड को सही करवाया जा सके और सही व्यक्ति को मुआवजा मिले. राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति सजग है. पिछले दिनों जिन किसानों की फसलों को बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ था, सरकार द्वारा उसकी भरपाई करेगी.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच की गई. तब पता चला कि जिला दादरी के गांव दातौली निवासी दयानंद पुत्र मानसिंह, गांव चांगरोड में अशोक कुमार पुत्र रतन सिंह, शेरसिंह पुत्र शिवलाल, सुमेर सिंह पुत्र मनीराम, सुक्रमपाल पुत्र करतार सिंह, निहाल सिंह पुत्र लालसिंह, भगवाना पुत्र रामस्वरूप, भूपसिंह पुत्र लालमन, ओम प्रकाश पुत्र छैलूराम और राधेश्याम पुत्र बदलूराम की जमीन किसी अन्य व्यक्ति के नाम चढ़ी हुई है.
संभावना जताई जा रही है कि ऐसे मामले प्रदेश के अन्य गांवों में भी हो सकते हैं. जिसके चलते फसल नुकसान का मुआवजा संबंधित किसान को मिलने में परेशानी हो सकती है. राज्य सरकार ने सभी तहसीलदारों और एसडीएम को किसानों की शिकायतों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए हैं. इसलिए किसान अब ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाकर अपने-अपने रिकॉर्ड चेक करें. अगर उसमें कोई गड़बड़ी या किसी और का नाम है तो उसे तहसीलदार और एसडीएम से ठीक करवाएं.
हरियाणा सरकार ने उन किसानों को भी फसल नुकसान का मुआवजा देने का फैसला किया है जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कवर नहीं हैं. लेकिन, इसके लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का विवरण देना होगा. जानकारी सही होने पर यहां गेहूं की फसल में 75 फीसदी नुकसान के लिए 15,000 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे. जबकि 50 से 75 फीसदी के बीच फसल नुकसान होने पर 12,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है.
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