पीएम क‍िसान योजना में बड़ा बदलाव, सरकार ने द‍िया स्वेच्छा से योजना छोड़ने का व‍िकल्प

पीएम क‍िसान योजना में बड़ा बदलाव, सरकार ने द‍िया स्वेच्छा से योजना छोड़ने का व‍िकल्प

PM-Kisan Scheme: गैस स‍िलेंडर की सब्स‍िडी सरेंडर करने की तरह ही आप पीएम क‍िसान योजना को भी सरेंडर करने इससे बाहर हो सकते हैं. लेक‍िन उसके बाद आप आगे कभी इस योजना का फायदा नहीं उठा पाएंगे. जान‍िए क्या है इसका प्रॉसेस. सरकार ने क्यों द‍िया ऐसा व‍िकल्प. 

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पीएम क‍िसान योजना में बड़ा बदलाव, सरकार ने द‍िया स्वेच्छा से योजना छोड़ने का व‍िकल्पपीएम क‍िसान योजना में आया एक नया व‍िकल्प (Photo-Ministry of Agriculture).

केंद्र सरकार की सबसे बड़ी क‍िसान योजना प्रधानमंत्री क‍िसान सम्मान न‍िध‍ि स्कीम में बड़ा बदलाव कर द‍िया गया है. स्कीम की 14वीं क‍िस्त का पैसा ट्रांसफर करने के साथ ही इसमें वॉलेंट‍ियरी सरेंडर का व‍िकल्प भी दे द‍िया गया है. यानी क‍ि अगर कोई क‍िसान चाहे तो स्वेच्छा से इस योजना से बाहर हो सकता है. इसका लाभ लेने से मना कर सकता है. जैसे गैस स‍िलेंडर की सब्स‍िडी सरेंडर करने को लेकर हुआ था. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार एक पीएम-किसान योजना से सरेंडर करने के बाद आप आगे कभी इस योजना का फायदा नहीं उठा पाएंगे. आप पीएम-किसान योजना के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन भी नहीं कर पाएंगे. इसल‍िए इस व‍िकल्प पर आगे बढ़ने से पहले आपको सोचना-समझना होगा.

पीएम क‍िसान योजना का बेन‍िफ‍िट वॉलेंट‍ियरी सरेंडर करने का व‍िकल्प वेबसाइट पर दे द‍िया गया है. इसका बहुत आसान तरीका है. इसका जो बटन द‍िया गया है उस पर क्ल‍िक करते ही रज‍िस्ट्रेशन नंबर डालने का एक व‍िकल्प द‍िया गया है. इसके बाद एक इमेज कोड आएगा. उसे डालकर गेट ओटीपी पर क्ल‍िक करना होगा. यह ओटीपी आपके आधार रज‍िस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा. उसे सबम‍िट करने के बाद इसका प्रॉसेस पूरा हो जाएगा. यानी आप पीएम क‍िसान स्कीम की बेन‍िफ‍िट सरेंडर कर चुके होंगे. 

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कैसे जानेंगे अपना रज‍िस्ट्रेशन नंबर

आप पूछेंगे क‍ि रज‍िस्ट्रेशन नंबर कैसे म‍िलेगा. सरकार ने इसका भी इंतजाम कर द‍िया है. इसका एक बटन द‍िया गया है. इसको क्ल‍िक करते ही इसे जानने के दो व‍िकल्प द‍िए गए हैं. आप चाहें तो मोबाइल नंबर या फ‍िर आधार नंबर डालकर रज‍िस्ट्रेशन नंबर पता कर सकते हैं. इस योजना में पहली बार ऐसी सर्व‍िस शुरू की गई है. सरकार को उम्मीद है क‍ि कुछ बड़े क‍िसान इस व‍िकल्प को चुन सकते हैं. इस योजना के तहत 2000-2000 रुपये की तीन क‍िस्तों में सालाना 6000 रुपये द‍िए जाते हैं. अब तक 14 क‍िस्त में 2.6 लाख करोड़ रुपये की रकम सीधे क‍िसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जा चुकी है.

पीएम क‍िसान योजना में द‍िया गया व‍िकल्प.

क्या इस योजना को छोड़ेंगे क‍िसान

एक द‍िसंबर 2023 को इस योजना के पांच साल पूरे हो जाएंगे. एक तरफ क‍िसान संगठन इसकी रकम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार ने स्वैच्छा से पीएम-किसान योजना का लाभ सरेंडर करने का व‍िकल्प दे द‍िया है. ज‍िन अपात्र क‍िसानों को इस योजना का फायदा म‍िल गया है उनको पैसा र‍िफंड करने का व‍िकल्प सरकार ने पहले ही दे द‍िया था. लेक‍िन ज‍िन अपात्रों को पैसा म‍िला है वो उसे वापस करने के ल‍िए तैयार नहीं द‍िख रहे हैं. देखना यह है क‍ि क‍ितने लोग स्वेच्छा से इस योजना का लाभ लेना छोड़ देंगे.

खर्च नहीं हो पाया पूरा बजट

भूमिधारक किसान परिवारों को आर्थिक मदद देने के मकसद से योजना की शुरुआत 1 दिसंबर, 2018 को की गई थी. लेक‍िन आध‍िकार‍िक तौर पर इसे 24 फरवरी 2019 को शुरू क‍िया गया. इस स्कीम में सभी 14.5 करोड़ क‍िसानों को कवर करने का टारगेट रखा गया था, लेक‍िन इतने क‍िसान कभी रज‍िस्टर्ड नहीं हुए. इसल‍िए इसका सालाना रखा गया 75,000 करोड़ रुपये का बजट खर्च ही नहीं हो पाया. इतना ही नहीं इसके बजट में 10,000 करोड़ की कटौती भी की गई. कटौती के बाद 65000 करोड़ रुपये का बजट हो गया लेक‍िन वो भी खर्च नहीं हुआ. ऊपर से अपात्र क‍िसान मुसीबत बन गए. 

अपात्र क‍िसान चुनौती

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय की एक र‍िपोर्ट बताती है क‍ि 22 मार्च 2022 तक देश के 54 लाख से अधिक अपात्र क‍िसानों ने 4352 करोड़ रुपये का लाभ ल‍िया है. लेक‍िन तब तक अपात्र किसानों से सरकार महज 297 करोड़ रुपये ही वसूल पाई थी. इनसे र‍िकवरी आसान नहीं है, क्योंक‍ि उसे एक चुनावी मुद्दा भी बनने का डर है. ऐसे में देखना यह है क‍ि अब क‍ितने क‍िसान इस योजना को छोड़कर बाहर जाते हैं. 

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