हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि भविष्य में किसानों के हितों के लिए जिन योजनाओं की आवश्यकता होगी सरकार उनसे पीछे नहीं हटेगी. कृषि मंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का जिक्र करते हुए कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग किसान व कॉन्ट्रेक्टर दोनों के लिए लाभकारी है. इस तरह की खेती में किसानों को अपनी फसल का भाव पहले से ही पता होता है. वहीं फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कॉन्ट्रैक्टर द्वारा किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों को जिस भी स्तर पर सरकार की सहायता की आवश्यकता है, हरियाणा सरकार किसानों की हर संभव मदद करेगी.
दलाल ने यह बात गुरुग्राम में खेती-किसानी के संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम में कही. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि से जुड़ी अपनी बेहतर नीतियों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने व उनके उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश फार्मर-इन्वेस्टर फ्रेंडली स्टेट है. जिसमें किसानों के हितों को सुरक्षित रखते हुए निरंतर बढ़ते निवेशकों की सुविधा के लिए सरकारी अप्रूवल से जुड़े कार्यों को सिंगल विंडो सिस्टम जैसी व्यवस्था से पूरा किया जा रहा है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को वैश्विक स्तर का बाजार उपलब्ध कराने के लिए सोनीपत जिले के गन्नौर में देश व एशिया की सबसे बड़ी सब्जी एवं फल मंडी बनने जा रही है. जोकि पेरिस व हॉलैंड की वैश्विक स्तर की मंडी से बेहतर होगी. इस मंडी से पैकेजिंग व प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों का माल एक्सपोर्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मंडी के माध्यम से हरियाणा सरकार ने करीब 40 से 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का लक्ष्य रखा है. जिसका प्रदेश के किसानों को सीधा लाभ मिलने वाला है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर आज हरियाणा तथा देश में कृषि क्षेत्र में बदलाव का दौर जारी है. किसानों की इच्छा तथा उनके सुझावों के आधार पर किसानों के उत्थान के लिए बेहतर नीतियों का निर्माण किया जा रहा है. हरियाणा प्रदेश जब पंजाब से अलग हुआ था तब प्रदेश की तरक्की को लेकर काफी प्रश्नचिन्ह खड़े किए गए थे, लेकिन हरियाणावासियों की अथक मेहनत ने प्रदेश को एक नई पहचान दिलाई है. आज हरियाणा की गिनती देश के विकसित राज्यों में हो रही है. इसमें कृषि क्षेत्र का अहम योगदान है.
एक अन्य कार्यक्रम में दलाल ने कहा कि सरकार गौशालाओं के बजट में निरंतर वृद्धि कर रही है, ताकि गायों के पालन-पोषण में किसी प्रकार की दिक्कत न आए. इस वर्ष गौशालाओं का बजट 40 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए किया गया है. सरकार गौ संरक्षण एवं संवर्धन पर पूरा जोर दे रही है. उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि वे गाय के गोबर से बनने वाली वाली खाद पर आधारित प्राकृतिक खेती करें ताकि खाने के लिए शुद्ध अनाज मिल सके.
वर्तमान में यूरिया व डीएपी आदि खाद से खानपान जहरीला हो गया है, जिससे अनेक प्रकार की जानलेवा बीमारियां हमें अपनी चपेट में ले रही हैं. किसान परंपरागत खेती की बजाय फल, फूल व बागवानी की खेती करें और पशुपालन व मछली पालन व्यवसाय को अपनाएं ताकि लाखों रुपए की आय हो सके. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार 28 मार्च से एमएसपी पर किसानों की सरसों खरीदेगी.
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