प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को स्वरोजगार और छोटे उद्योगों की स्थापना के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है. यह योजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा संचालित की जाती है. हाल ही में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को करीब 300 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया. यह सब्सिडी 906 करोड़ रुपये के स्वीकृत ऋण के मुकाबले प्रदान की गई.
इस आयोजन का संचालन नई दिल्ली स्थित राजघाट कार्यालय से हुआ, जहां KVIC के अध्यक्ष मनोज कुमार और CEO रूप राशि सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े.
इस अवसर पर KVIC अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश "आत्मनिर्भर और विकसित भारत" की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि PMEGP योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुकी है, जो गांव-गांव में युवाओं और कारीगरों को उद्यमी बना रही है.
PMEGP के तहत इस बार देश के छह भौगोलिक क्षेत्रों में लाभार्थियों को सब्सिडी वितरित की गई. हर क्षेत्र में अलग-अलग परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृत किया गया और उसी के अनुसार मार्जिन मनी सब्सिडी दी गई.
PMEGP योजना जब से शुरू हुई है, तब से यह देश में सूक्ष्म और लघु उद्योगों की स्थापना में एक प्रमुख भूमिका निभा रही है. वित्त वर्ष 2024-25 तक इस योजना के अंतर्गत 10,18,185 से अधिक सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना हो चुकी है. इन उद्यमों के लिए भारत सरकार द्वारा 73,348 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है और इसके बदले 27,166 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी दी गई है.
इस योजना के माध्यम से अब तक 90 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिल चुका है. यह आंकड़ा इस योजना की सफलता और व्यापक प्रभाव को दर्शाता है. यह कार्यक्रम न केवल रोजगार प्रदान करता है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को भी साकार करता है.
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