छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने किसानों से किए गए Election Promises को एक- एक करके पूरा करना शुरू कर दिया है. राज्य में Paddy Procurement का दायरा बढ़ाने के बाद अब किसानों को धान की खरीद पर बोनस देने का वादा पूरा करने की बारी है. सरकार ने 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से किसानों से धान की खरीद करने के लिए अपनी पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार का ही फॉर्मूला अपनाया है. इसके तहत धान की खरीद के एवज में किसानों को बोनस देने के लिए एक नई योजना का खाका तैयार कर लिया है. इसे 'कृषक उन्नति योजना' नाम दिया गया है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी किसानों से 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से धान खरीदने का वादा किया था. अब साय सरकार इस वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है.
मौजूदा नियमों के तहत केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश के लिए निर्धारित Minimum Support Price (MSP) से अधिक कीमत पर किसी उपज की खरीद राज्य सरकारें नहीं कर सकती हैं. छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों को एमएसपी पर धान की खरीद की गारंटी देते हुए इस पर बोनस भी देने का वादा किया था. चुनाव के बाद बनी कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने इस वादे को निभाने के लिए मौजूदा नियमों का पालन करते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करके किसानों को बोनस देने का फार्मूला लागू किया था.
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केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2023-24 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति कुंतल तय किया है. छत्तीसगढ़ सरकार अपने चुनावी वादे के अनुरूप 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से धान की खरीद किसानों से करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार किसानों को एमएसपी पर धान की खरीद करने के बाद 917 रुपये की बकाया राशि कृषक उन्नति योजना के तहत बोनस के रूप में देगी.
साय सरकार ने किसानों से चुनाव में वादा किया था कि सरकार बनने पर हर किसान से अधिकतम 21 कुंतल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी जाएगी. सरकार ने इस वादे को लागू करने की पहले ही घोषणा कर दी है. इसके मुताबिक अब यह भी तय हो गया है कि कृषक उन्नति योजना के तहत प्रत्येक किसान को एक एकड़ पर उपजाई गई धान की एमएसपी पर खरीद के एवज में 19,257 रुपये बोनस मिलेगा.
साय सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करने का लक्ष्य तय किया है. इसके एवज में एमएसपी पर धान की खरीद के रूप में किसानों को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का भुगतान होगा. पिछली सरकार में किसानों से एमएसपी पर प्रति एकड़ 15 कुंतल धान की खरीद हो रही थी. साय सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर 21 कुंतल कर दिया है. धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से होने पर किसानों को प्रति एकड़ धान विक्रय पर 23,355 रुपये का लाभांश मिलेगा.
दरअसल भूपेश बघेल सरकार में किसानों को प्रति एकड़ 15 कुतंल धान की खरीद के एवज में 4 किश्तों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 41,745 रुपये दिए जा रहे थे. अब मोदी की गारंटी को लागू करके किसानों से 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से 21 कुंतल प्रति एकड़ धान की खरीद होने पर किसानों को कुल 65,100 रुपये मिलेंगे. पहले की तुलना में यह राशि 23,355 रुपये ज्यादा है.
छत्तीसगढ़ में बीते 01 नवंबर से ही एमएसपी पर किसानों से धान की खरीद शुरू हो गई है. नई सरकार के गठन के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने 21 कुंतल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी की अधिकतम सीमा को लागू कर दिया है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे किसान जो अपना धान पहले एमएसपी पर बेच चुके हैं, उन्हें भी 21 कुंतल की सीमा का लाभ मिलेगा.
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सीएम साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो. इसके लिए सभी खरीदी केंद्रों में बेहतर और पर्याप्त इंतजाम किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. सीएम साय ने कहा है कि आगामी 25 दिसंबर को अटल जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ के किसानों को पीएम मोदी की गारंटी के अनुरूप धान की खरीद पर 2 साल के बकाया बोनस की राशि के रूप में 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपये का भी भुगतान किया जाएगा. भाजपा ने चुनाव में किसानों से 2 साल की खरीद पर बकाया बोनस देने का वादा किया था.
गौरतलब है कि राज्य में एमएसपी पर धान बेचने के लिए 26 लाख 86 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है. पंजीकृत धान का रकबा 33 लाख 15 हजार हेक्टेयर है. एमएसपी पर अब तक लगभग 9.25 लाख किसान 42.20 लाख मीट्रिक टन धान बेच चुके है.
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