छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में किसानों काे अपने खेत की मेड़ों पर ऐसे पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे उनकी आय भी हो और पर्यावरण संरक्षण के साथ खेत में मिट्टी की सेहत भी बेहतर हाे. इस याेजना के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा मिल रहा है. बहुद्देशीय प्रकार की यह योजना राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के साथ पर्यावरण की सेहत में सुधार के उद्देश्य को भी पूरा कर रही है.
छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित इस योजना के तहत राज्य में अगले 5 वर्षों में 1.80 लाख एकड़ निजी जमीन पर Commercial Value के चिन्हित प्रजातियों के 15 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य तय किया गया है.
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अकबर ने बताया कि इस योजना के माध्यम से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रुपये तक की आय होने का अनुमान है. इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को आमदनी होगी.
उन्होंने कहा कि इस योजना में 5 एकड़ जमीन में Commercial Plantation करने वाले किसान हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान और 5 एकड़ से अधिक जमीन पर वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है. इतना ही नहीं इस योजना में पहली बार चिन्हित प्रजातियों के वृक्षों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर खरीद करने की गारंटी भी दी गई है.
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राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी. श्रीनिवास राव ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान ही नहीं, बल्कि इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन से स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थान, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा किराए पर जमीन लेने वाले लोग भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के तहत विभिन्न प्रजाति के जिन वृक्षों को चिन्हित किया है, उनमें क्लोनल यूकेलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर वाला चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बांस, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम सहित अन्य कॉमर्शियल पेड़ शामिल हैं.
राव ने भरोसा जताया कि यह योजना हितग्राहियों के लिए आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और मृदा संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगी. इस योजना से काष्ठ आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा.
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