कृषि विभाग ने राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत श्रीगंगानगर जिले में खेतों में की जाने वाली तारबंदी के लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं. इसके लिए विभाग ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं. इसके अनुसार पूरे जिले में किसानों के खेतों में 9,65,900 मीटर की तारबंदी की जाएगी. इसमें व्यक्तिगत, कृषक समूह एवं सामुदायिक स्तर पर तारबंदी करने के लिए अलग-अलग से लक्ष्य आवंटित किए गए हैं.
यह तारबंदी इसी वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में की जाएगी.
श्रीगंगानगर कृषि विभाग संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि योजना का लाभ सभी श्रेणी के किसानों को दिया जाएगा. व्यक्तिगत आवेदन में न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर(6 बीघा) भूमि एक ही स्थान पर होना जरूरी है. एक कृषक समूह में न्यूनतम दो किसान व कम से कम 1.5 हेक्टेयर जमीन होना आवश्यक है. समूह की भूमि की सीमाएं निर्धारित पेरिफेरी में होनी चाहिए.
इसके अलावा सामुदायिक स्तर पर तारबंदी में 10 से अधिक किसानों के समूह में कम से कम पांच हेक्टेयर यानी 20 बीघा भूमि तथा समूह की भूमि की सीमाएं निर्धारित पेरीफेरी में होना जरूरी है. व्यक्तिगत या समूह में प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर की सीमा तक कृषक एवं समूह द्वारा निर्धारित स्पेसिफिकेशन के अनुसार तारबंदी किए जाने पर अनुदान देय होगा.
वहीं, खेत की पेरीफेरी की लंबाई 400 मीटर से अधिक होने पर बची हुई दूरी में किसान एवं किसानों के समूह की ओर से अपने स्तर पर खेत की सुरक्षा की जाएगी. इस संबंध में फिजिकल वैरिफेकशन के बाद ही सब्सिडी की राशि किसानों दी जाएगी. साथ ही विभाग ने कहा है कि जिन खेतों में तारबंदी की है, उनमें किसान किसी भी तरह का करंट प्रवाहित नहीं करेंगे.
तारबंदी के लिए व्यक्तिगत किसान को न्यूनतम क्षेत्रफल 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि पर अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक लागत का 50 प्रतिशत या 40 हजार रुपये, जो भी कम होता है सब्सिडी दी जाती है. अगर खेत का क्षेत्रफल या पेरीफेरी की लंबाई 400 मीटर से ज्यादा है तो उसकी तारबंदी का खर्च खुद किसान को वहन करना पड़ेगा.
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इसके अलावा व्यक्तिगत लाभार्थी किसान लघु या सीमांत श्रेणी होने पर अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है. यह अतिरिक्त आठ हजार रुपये मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से दिए जाते हैं.
इसी तरह सामुदायिक आधार पर तारबंदी करने वाले सभी श्रेणी के किसानों के लिए पेरीफेरी कम से कम 10 किसानों का होना जरूरी है. इन्हें न्यूनतम पांच हेक्टेयर यानी 20 बीघा कृषि भूमि होने पर लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 56 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है.
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खेतों की तारबंदी योजना में अनुदान लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है. इसके लिए किसानों को जमाबंदी की नकल को पोर्टल पर अपलोड करना होता है. इसके साथ ही किसान को जन आधार कार्ड नंबर भी देना होता है. लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों को इसका प्रमाण पत्र देना होता है. किसान ई-मित्र या किसान साथी पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
तारबंदी योजना में सामान्य तौर पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन होता है. लेकिन अगर तय लक्ष्य से डेढ़ गुना ज्यादा आवेदन आते हैं तो कृषि विभाग लॉटरी के माध्यम से किसानों का चयन करता है. साथ ही किसानों को तारबंदी करने पर खर्च हुई राशि के बिल में कांटेदार तार या चैनलिंक जाली का जीएसटी बिल देना अनिवार्य होता है.
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