राजस्थान का दूसरा कृषि बजट शुक्रवार यानी 10 फरवरी को पेश किया गया. राजस्थान पिछले साल से बजट के दौरान कृषि बजट अलग से पेश करने वाला राज्य है. शुक्रवार को पेश हुए बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल 89190 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए. इसमें राज्य बजट से 46,723 करोड़ और राज्य के अतिरिक्त 42466 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं. इस साल का कृषि बजट पिछले साल के बजट से 10,252 करोड़ रुपये अधिक है. पिछले साल यानी 2022-23 में कृषि क्षेत्र के लिए 78,938 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए थे. इसमें राज्य बजट से 46,145 करोड़ रुपये और राज्य के अतिरिक्त 32,793 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
कृषि बजट को नौ घटकों में सरकार ने बांटा है. इसमें कृषि अनुदान, कृषि साख, आधारभूत संरचना विकास, जोखिम प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा, प्रशासनिक गतिविधियां, कृषि विपणन, कृषि शिक्षा, अनुसंधान और कौशल विकास और कृषि आधारित अन्य गतिविधियां हैं.
इस साल सरकार ने कृषि अनुदान काफी कम किया है. साल 2023-24 के लिए कृषि अनुदान 27,327 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. पिछले साल 2022-23 में यह 29,862 करोड़ रुपये था. यानी इस बजट में सरकार ने कृषि अनुदान 2535 करोड़ रुपये कम किया है.
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इसके अलावा प्रशासनिक गतिविधियों में भी 168 करोड़ रुपये कम किए गए हैं. बाकी घटकों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट बढ़ाया है. साथ ही इस साल कृषि के आधारभूत विकास संरचना मद में बजट 17915 करोड़ रुपये दिया है. यह बीते साल 11946 करोड़ रुपये से 5,969 करोड़ रुपये ज्यादा है.
क्र सं. घटक 2022-23 (करोड़ रुपये में) 2023-24 (करोड़ रुपये में) अंतर
1. कृषि अनुदान 29,862 27,327 -2535
2. कृषि साख 20270 22200 1930
3. आधारभूत विकास संरचना 11946 17915 5969
4. जोखिम प्रबंधन 4465 5381 916
5. सामाजिक सुरक्षा 4217 5163 946
6. प्रशासनिक गतिविधियां 3334 3166 -168
7. कृषि विपणन 3007 4003 996
8. कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं कौशल विकास 988 1281 293
9. कृषि आधारित अन्य गतिविधियां 846 2750 1904
10. कुल 78,938 89,190 10252
'किसान तक' ने अपनी पड़ताल में पाया कि कृषि अनुदान घटक को उप-घटकों में बांटकर देखने पर इस साल बजट में गौशालाओं को अनुदान बढ़ाया गया है. जबकि कृषि ऊर्जा टैरिफ सब्सिडी घटाई गई है. इस साल गौशालाओं को सब्सिडी के लिए 1131 करोड़ रुपये दिए हैं. पिछले साल यह 725.50 करोड़ रुपये थी.
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इस तरह गौशालाओं को सीएम गहलोत ने इस साल 405.5 करोड़ रुपये ज्यादा का प्रावधान किया है. इसी तरह साल 2022-23 में कृषि ऊर्जा टैरिफ सब्सिडी जहां 20,464 करोड़ रुपये की थी. वहीं, इस साल यह घटकर 18571 करोड़ रह गई. इसके साथ ही विभागों की विभिन्न योजनाओं के अनुदान भी घटाया गया है.
इस साल 2023-24 के लिए 4906 करोड़ रुपये का प्रावधान है. जबकि यह पिछले साल 5152 करोड़ रुपये था. कृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान जहां पिछले साल 1572 करोड़ रुपये था. इस साल यह 139 करोड़ रुपये बढ़ाकर 1711 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है.
कृषि अनुदान मद में 2535 करोड़ रुपये की कटौती हुई है. कृषि अनुदान के उप-घटक ऋण माफी में सबसे अधिक कटौती की गई है. गहलोत ने इस साल ऋण माफी के लिए सिर्फ 388 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. 2022-23 में ऋण माफी एक हजार करोड़ रुपये की थी. इस साल इस मद में 612 करोड़ रुपये कम करते हुए सिर्फ 388 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कृषि अनुदान घटक में डेयरी विपणन पर अनुदान में 110 करोड़ रुपये बढ़ाए गए हैं. साल 2022-23 में इस मद में 440 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. जबकि इस साल यानी 2023-24 के लिए 550 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
'किसान तक' ने कृषि बजट में आधारभूत संरचना निर्माण घटकों को दिए बजट की जब पड़ताल की तो कई तथ्य सामने आए. पिछले साल की तुलना में इस साल बजट में नहर और वितरिकाओं, कृषि विद्युत कनेक्शन आदि के निर्माण पर खर्च बढ़ाया है, लेकिन मंडी निर्माण, पशु चिकित्सालय निर्माण, बांध निर्माण पर खर्च कम किया है. इस साल गहलोत ने नहर और वितरिकाओं के निर्माण के लिए 4176 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. यह राशि पिछले साल 3414 करोड़ रुपये थी.
हालांकि इस साल नई मंडी बनाने के बजट में कटौती की गई है. इस बजट में मंडी निर्माण के लिए सिर्फ 220 करोड़ रुपये दिए गए हैं. जबकि यह पिछले साल 267 करोड़ रुपये था. इसके अलावा गोदाम निर्माण मद में 2023-24 के लिए 85.45 करोड़ रुपये दिए हैं. यह पिछले साल से 25 करोड़ रुपये कम है.
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इसके साथ ही कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए 2022-23 में 2396 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन इस साल 7552 करोड़ रुपये का प्रावधान इस मद में किया है. गहलोत ने बजट में इस साल मार्च तक एक लाख 15 हजार विद्युत कनेक्शन देने और अगले एक साल में 1.50 लाख कृषि विद्युत कनेक्शन देने की घोषणा की है. इसीलिए इस साल पिछले साल के मुकाबले कृषि विद्युत कनेक्शनों के लिए 5156 करोड़ रुपये अधिक दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में पशुपालन को ध्यान में रखा है. इस साल पिछले साल की तुलना में 1904 करोड़ रुपये अधिक दिए हैं. 2022-23 में गाय और भैंस पालन के लिए 779 करोड़, जीव कल्याण, ऊंट संरक्षण के लिए 36.33 करोड़, भेड़ पालन 20 करोड़, सूअर पालन छह करोड़ और मधुमक्खी पालन के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. लेकिन इस साल गाय और भैंस पालन के लिए 638 करोड़, जीव कल्याण, ऊंट संरक्षण, पशु प्रयोगशाला के लिए 2091 करोड़, भेड़ पालन 15 करोड़, मधुमक्खी पालन के लिए 6.50 करोड़ और सूअर पालन के लिए सिर्फ 80 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है.
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