PMFBY: गेहूं–सरसों के साथ आलू-बैंगन और कई सब्जियां भी फसल बीमा में शामिल, 31 दिसंबर तक कराएं रजिस्ट्रेशन

PMFBY: गेहूं–सरसों के साथ आलू-बैंगन और कई सब्जियां भी फसल बीमा में शामिल, 31 दिसंबर तक कराएं रजिस्ट्रेशन

रबी फसलों के लिए बीमा आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है. गेहूं और सरसों पर किसानों को केवल 1.5% प्रीमियम देना होगा, जबकि शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार वहन करेंगी. प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर 72 घंटे के भीतर सूचना देना जरूरी है.

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PMFBY: गेहूं–सरसों के साथ आलू-बैंगन भी फसल बीमा में शामिल, 31 दिसंबर तक कराएं रजिस्ट्रेशनपीएम फसल बीमा योजना किसानों की मदद के लिए 2016 से चलाई जा रही है.

राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन की अधिसूचना जारी कर दी गई है. योजना में इस बार सरसों, गेहूं और मौसम आधारित कई फसलों—आलू, बैंगन, नींबू और आम—को शामिल किया गया है. रबी फसलों के बीमा की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक प्रभुदयाल शर्मा ने बताया कि गेहूं फसल के लिए प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 96,172 रुपये और सरसों के लिए 1,21,864 रुपये प्रति हेक्टेयर तय की गई है. किसानों को इस बीमित राशि का केवल 1.5% प्रीमियम ही जमा करना होगा. इस प्रकार, गेहूं के लिए 1443 रुपये और सरसों के लिए 1828 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम देना होगा. बाकी प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार 50-50 अनुपात में वहन करेंगी.

बीमा कंपनी और प्रक्रिया

  • धौलपुर जिले में योजना के क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है.
  • जिन किसानों ने बैंक से केसीसी ले रखा है, उनका बीमा अपने आप बैंक द्वारा किया जाएगा.
  • यदि कोई किसान बीमा नहीं करवाना चाहता, तो वह 24 दिसंबर तक बैंक में घोषणा पत्र देकर योजना से बाहर हो सकता है.
  • केसीसी किसान बुवाई में परिवर्तन की सूचना 29 दिसंबर तक दे सकते हैं.

केसीसी रहित किसान राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल, नजदीकी बैंक शाखा, कॉल सेंटर या अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए बीमा करा सकते हैं. इसके लिए खसरा संख्या, नवीनतम जमाबंदी की नकल, घोषणा पत्र और बैंक पासबुक की प्रति जरूरी होगी.

फसल नुकसान का प्रावधान

फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए पड़ी अधिसूचित फसल यदि चक्रवात, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली या बेमौसमी बारिश से क्षतिग्रस्त होती है, तो किसान व्यक्तिगत स्तर पर दावा कर सकते हैं. प्रभावित किसान को आपदा के 72 घंटों के भीतर कृषि रक्षक पोर्टल, हेल्पलाइन 14447, क्रॉप इंश्योरेंस ऐप, या लिखित रूप से बैंक/कृषि अधिकारी को सूचना देना अनिवार्य है.

बुवाई बाधित होने की स्थिति में बीमित राशि का 25% मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है.

उपज निर्धारण और मुआवजा

सूखा, बाढ़, जल भराव, कीट, रोग, प्राकृतिक आग, तूफान और चक्रवात जैसी स्थितियों में नुकसान का आकलन राजस्व पटवार मंडल स्तर पर किया जाएगा. फसल बीमा क्लेम राजस्थान अजमेर मंडल एवं आर्थिक-सांख्यिकी विभाग द्वारा कराए गए फसल कटाई प्रयोगों के औसत उपज आंकड़ों के आधार पर जारी होगा.

कृषि विभाग का कहना है कि योजना का उद्देश्य किसानों को मौसम संबंधी जोखिमों से सुरक्षा देना और नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करना है, ताकि वे सुरक्षित रूप से खेती जारी रख सकें.

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