राजस्थान में पिछले साल जनवरी में शुरू हुई कृषक उपहार योजना में इस साल कोटा के किसान प्रदीप को पहला स्थान मिला है. कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने कृषि पंत भवन में राज्य स्तरीय लॉटरी निकालकर विजेताओं के नाम घोषित किए. योजना के तहत कोटा की भवानी मंडी के प्रदीप को 2.5 लाख रुपये का पहला पुरस्कार, हनुमानगढ़ के गोलूवाड़ा मंडी के किसान जसवंत को 1.5 लाख रुपये का दूसरा पुरस्कार और हनुमानगढ़ मंडी के किसान मोहनलाल को एक लाख रुपये का तीसरा पुरस्कार मिला.
कृषक उपहार योजना में राज्य स्तरीय लॉटरी साल में एक ही बार निकाली जाती है. इसमें कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव अध्यक्ष, राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सदस्य एवं प्रशासक और कृषि विपणन विभाग के डायरेक्टर सदस्य सचिव होते हैं. वर्ष 2022 की राज्य स्तरीय लॉटरी राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के सॉफ्टवेयर द्वारा निकाली गई.
पुरस्कार लॉटरी निकालने के मौके पर कृषि विपणन विभाग के निदेशक सीताराम जाट, राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड की महाप्रबंधक आशु चौधरी, प्रमोद कुमार सत्या योजना प्रभारी और कृषि विपणन विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद रहे.
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अपनी कृषि उपज को ई-नाम के माध्यम से बेचने और ई-पेमेंट के माध्यम से उपज का भुगतान प्राप्त करने को प्रेरित करने के लिए और किसानों को उनकी उपज का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से कृषक उपहार योजना लागू की गई थी. ई-नाम पोर्टल के माध्यम से उपज बेचने वाले को बेचने की पर्ची पर एक कूपन दिया जाता है. इस पर्ची पर मंडी शुल्क जरूर देय होना चाहिए. साथ ही इस पूरी योजना का खर्च राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड उठाता है.
कृषक उपहार योजना के तहत तीन स्तर पर किसानों को पुरस्कार दिए जाते हैं. इसमें प्रत्येक छह महीने में मंडी और खंड स्तर पर पुरस्कार दिया जाता है तो साल में एक बार राज्य स्तर पर किसानों को पुरस्कृत किया जाता है. मंडी स्तर पर पहला पुरस्कार 25 हजार रुपये, दूसरा 15 और तीसरा पुरस्कार 10 हजार रुपये का है.
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खंड स्तर पर पहला पुरस्कार 50 हजार, दूसरा 30 और तीसरा 20 हजार रुपये का है. वहीं, राज्य स्तरीय कृषक उपहार योजना में पहला पुरस्कार 2.5 लाख रुपये, दूसरा 1.5 लाख और तीसरा पुरस्कार एक लाख रुपये का दिया जाता है. योजना में विजेता किसानों को सीधे बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जाती है.
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