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Rajasthan: 57 हजार किसानों ने खेतों में लगवाए सौर ऊर्जा पंप संयंत्र  

Rajasthan: 57 हजार किसानों ने खेतों में लगवाए सौर ऊर्जा पंप संयंत्र  

सौर ऊर्जा पंप लगाने में राजस्थान का देश में पहला स्थान है. यह दावा प्रदेश के कृषि विभाग का है. सोलर पंप लगाने में राजस्थान सरकार की ओर से 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाती है. अब तक 57 हजार किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है.

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जयपुर के मुहाना गांव के किसान धन्नाराम यादव अपने खेत में. जयपुर के मुहाना गांव के किसान धन्नाराम यादव अपने खेत में.

सौर ऊर्जा पंप लगाने में राजस्थान का देश में पहला स्थान है. यह दावा प्रदेश के कृषि विभाग का है. सोलर पंप लगाने में राजस्थान सरकार की ओर से 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाती है. जयपुर जिले के मुहाना गांव के रहने वाले धन्नाराम यादव ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपने खेतों में सिंचाई के लिए सौर पंप संयंत्र स्थापित किया है. 

वे बताते हैं कि 7.5 एच.पी का पंप खेतों में लगाया है. इससे सिंचाई के लिए उनकी बिजली पर निर्भरता खत्म हो गई है. सौर पंप लगाने से पहले उनका महीने में बिजली बिल सात हजार रुपए तक आता था, लेकिन अब बिजली बिल शून्य हो गया है. यादव कहते हैं कि अब रात में सिंचाई करने की समस्या से भी निजात मिल गई है. बिजली का बिल बचने से आय भी बढ़ी है. राजस्थान में धन्नाराम यादव अकेले ऐसे किसान नहीं हैं.

प्रदेशभर में 57 हजार से अधिक किसान हैं जिन्होंने इस योजना का लाभ उठाया है. यह देश में सबसे अधिक है. 

बिजली पर निर्भरता कम हुई

सौर ऊर्जा पंप खेतों में लगने से किसानों की बिजली पर निर्भरता खत्म हुई है. साथ ही डीजल इंजन और अन्य वैकल्पिक साधनों के भरोसे किसान नहीं है. इससे पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है साथ ही खेतों में इस तरह के संयंत्र लगने से ग्रीन एनर्जी को भी बढ़ावा मिल रहा है.

इसके अलावा बिजली पर निर्भरता खत्म होने से किसान दिन में सिंचाई कर पा रहे हैं. वहीं, समय पर सिंचाई होने से उत्पादन भी बढ़ रहा है. किसानों का बिजली खर्च भी कम हुआ है और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है. 

टीएसपी क्षेत्र के अनुसूचित जाति-जनजाति किसानों को विशेष अनुदान


योजना के बारे में विस्तार से कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया. वे बताते हैं कि किसानों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापना पर लागत का 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है. राज्य सरकार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है.

साथ ही जनजातीय उप-योजना क्षेत्र (टीएसपी) में अनुसूचित जनजातियों के किसानों को तीन व पांच एच.पी क्षमता के सौर पंप संयंत्र पर सौ प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. 

57 हजार किसानों को 982 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई

कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत बीते चार साल में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जा चुकी है. अब तक कुल 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान किसानों को दिया गया है.

इसमें 2018-19 (दिसम्बर 2018 से) में 3,462 किसानों को 70.30 करोड़ रुपए, 2019-20 में 10,004 किसानों को 57.81 करोड़, वर्ष 2020-21 में 13,880 किसानों को 133.39 करोड़ रुपए, साल 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320.41 करोड़ रुपए और वर्ष 2022-23 में अब तक 20,311 किसानों को 401.04 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा चुकी है. 
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 में अगले दो साल में एक लाख किसानों को सोलर पम्प स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपए का अनुदान देने की घोषणा की थी. 

सब्सिडी लेने की यह है पात्रता

सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए राज्य सरकार ने कुछ पात्रता तय की है. इसके अनुसार किसान द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर अथवा स्प्रिंकलर संयंत्र काम में लिया जाना जरूरी है.  

योजना के तहत उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस और लो-टनल्स काम में लेने वाले कृषक भी अनुदान के लिए पात्र हैं. पात्र किसानों को तीन एच.पी,पांच एच.पी और 7.5 एच.पी के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है.

अलग-अलग पंप लगाने की अलग पात्रता

3 एच.पी के सौर पंप संयंत्र लेने के लिए आवेदक किसान के पास 0.4 हैक्टेयर कृषि भूमि होना जरूरी है. इसके अलावा किसान के पास एक हजार घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा होना जरूरी है. अगर यह नहीं है तो 400 घन मीटर क्षमता की डिग्गी, 600 घन मीटर क्षमता का फार्म पोण्ड,100 घन मीटर क्षमता का जल हौज अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना आवश्यक है. 

इसके अलावा पांच एच.पी के सौर पंप संयंत्र में आवेदन के लिए किसान के पास 0.75 हैक्टेयर भूमि होना जरूरी है. साथ ही दो हजार  घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा आवश्यक है. यह नहीं होने की स्थिति में डिग्गी या फार्म पोन्ड अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए.

 इसी तरह 7.5 एच.पी के सौर पंप संयंत्र के लिए  किसान के पास में एक हैक्टेयर कृषि भूमि होना आवश्यक है. साथ ही 7500 घन मीटर की क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना जरूरी है.

किसान ऐसे कर सकते हैं आवेदन

इस योजना में लाभ लेने के लिए किसान राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार कार्ड के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.