
पंजाब अनाज पैदा करने में देश में अपना सबसे बड़ा रोल निभाता है. लेकिन उसे एक भारी खामियाजा भुगतना पड़ा है. पंजाब में आज भूजल स्तर बहुत तेजी से घट रहा है. यहां पानी कभी 50 फीट पर होता था, लेकिन अब वह 200 फीट के करीब चला गया है. इस पानी को बचाने के लिए पंजाब सरकार की ओर से किसानों के खेतों तक नहरी पानी देने की शुरुआत की गई है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का एक अपना ड्रीम प्रोजेक्ट था कि हर किसान के खेत को ज्यादा से ज्यादा नहरी पानी दिया जाए. इसे देखते हुए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र धूरी में किसानों के खेतों तक नहरी पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत की है.
इस प्रोजेक्ट के जरिये अब किसानों के खेतों तक अंडरग्राउंड पाइपलाइन से पानी पहुंचाने का काम कई जगह पूरा हो चुका है. कई जगहों पर काम चल रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र के दो गांव राजोमाजरा ओर सुल्तानपुर को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना था. इन गांवों में पाइपलाइन से सिंचाई का काम बड़े पैमाने पर पूरा हो चुका है. यहां अंडरग्राउंड पाइपलाइन पूरे इलाके में बिछ चुकी है और धान के सीजन से पहले सिंचाई शुरू हो जाएगी. अगले एक महीने में 40 किलोमीटर के करीब और किसानों के खेतों तक अलग-अलग गांव में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचा जाएगा.
ये भी पढ़ें: Rajasthan: किसान संग बैठेंगे भगवंत मान, यूं थमा पानी पर छिड़ा संग्राम
सुल्तानपुर गांव में इस बार धान के सीजन में अधिक से अधिक किसानों को पानी दिया जाएगा. यहां 1000 एकड़ से अधिक खेती है जिसमें से 900 एकड़ में पाइपलाइन बिछाई जाएगी. इसका काम पूरे जोरशोर से चल रहा है. यहां आम लोगों और प्रशासन में अच्छा तालमेल देखा जा रहा है. प्रशासन और गांव के किसान इकट्ठे होकर पाइपलाइन बिछाने का काम अपनी देखरेख में करवा रहे हैं. गांव में सीमेंट के बने आईएसआई मार्क पाइपलाइन का इस्तेमाल हो रहा है जो सीधा नहर का पानी किसान के खेत तक पहुंचाएगा.
इस पूरे प्रोजेक्ट के शुरू होने से किसान बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि धरती से बेहद कम पानी निकालना पड़ेगा क्योंकि अंडरग्राउंड पाइपलाइन से पानी मिलेगा. इससे पानी की बर्बादी भी नहीं होगी. जितना पानी नहर से आएगा उतना ही खेतों में आएगा और दूसरे किसानों के साथ झगड़े भी काम होंगे. पहले पानी को लेकर झगड़े भी होते थे क्योंकि दूसरे के खेत में पानी चला जाए या किसी की फसल अधिक पानी से खराब हो जाए तो नाराजगी बढ़ जाती थी.
ये भी पढ़ें: इस खरीफ सीजन DSR तकनीक से सूखा रोधी धान की किस्मों की बुवाई करें किसान
जिले के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को नहरी पानी देना है. मुख्यमंत्री का यही मिशन भी है. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से की है. इसके बाद इस प्रोजेक्ट को पूरे पंजाब में लागू किया जाएग. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में अब तक 26 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन अलग-अलग गांव में डाली जा चुकी है. इस पूरे प्रोजेक्ट में 260000000 रुपये का खर्च होगा. इसमें किसानों से भी सहयोग मिल रहा है. किसान पाइपलाइन से पानी देने की मांग कर रहे हैं. धान के सीजन से पहले इसका काम पूरा कर लिया जाएगा. बाकी बची पाइपलाइन धान की कटाई के बाद डाली जाएगी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today