पराली प्रबंधन (सांकेतिक फोटो)खरीफ सीजन के फसलों की कटाई चल रही है और रबी फसल के बुवाई की तैयारी चल रही है. इस बीच पंजाब में पराली प्रबंधन को लेकर समस्या बढ़ गई है. कई किसान फसल अवशेष प्रबंधन बेहतर तरीके से कर रहे हैं तो कई किसान इसे जला रहे हैं. इस बीच पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग की तरफ से भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही कई किसान भी आगे आ रहे हैं. करनाल जिले के 1694 किसान इसके लिए आगे आए हैं और उन्होंने पराली प्रबंधन में अपनी भागीदारी निभाने के लिए आवेदन दिया है.
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार करनाल किसानों ने सरकार की सब्सिडी योजना के तहत सीटू और एक्स सीटू फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के लिए आवेदन किया है. इन मशीनों के जरिए पराली की समस्या से निपटने के लिए मदद मिलती है. इनमें से करीब 745 किसानों ने मशीन की खरीदारी कर ली है. जबकि बाकी किसान मशीन खरीद रहे हैं. इससे पहले करीब 8,000 किसान इन सीटू और एक्स सीटू मशीनों को खरीद चुके हैं और पराली प्रबंधन में अपना योगदान दे रहे हैं. अब जब नए किसान जुड़ रहे हैं तो फिर पराली प्रबंधन करने में मशीन का इस्तेमाल करने वाले किसानों की संख्या बढ़ेगी.
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इस बीच राज्य सरकार ने घोषणा की है कि धान की पराली को बांधने के लिए स्ट्रॉ बेलर का उपयोग करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. जिन गांवों में पराली जलाने के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं उन गांवों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. अगर इन गांवों में पराली जलाने की घटनाएं नहीं होती है तो इन गांवों के लोगों को एक लाख से 50 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके अलावा जो किसान धान के अवशेषों को जलाए बिना मिट्टी में मिला देंगे उन्हें प्रति एकड़ 1000 रुपये मिलेंगे.
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कृषि विभाग की तरफ से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनों की खरीद करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया है. इस योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन के लिए चार प्रकार की मशीन उपलब्ध है. इनमें सुपर सीडर, स्लेशर, हे रेक और बेलर मशीन शामिल है. इस वर्ष सब्सिडी के लिए आवेदन करने वाले 1,694 किसानों में से 1,640 को परमिट जारी किए गए, जबकि 914 किसानों ने पहले ही सब्सिडी लेने के लिए मशीन खरीदने के बाद पोर्टल पर बिल अपलोड कर दिया है.
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