 भावांतर योजना (सांकेतिक तस्वीर)
भावांतर योजना (सांकेतिक तस्वीर)मध्यप्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से भावांतर योजना लागू की है, जिसके तहत राज्य में 24 अक्टूबर से खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बीच योजना को प्रभावी तरीके से चलाने के लिए एक विशेष ‘भावांतर हेल्पलाइन कॉल सेंटर’ शुरू किया है. इस सेंटर के माध्यम से किसानों, व्यापारियों और कृषि उपज मंडी से जुड़े कर्मचारियों को योजना से संबंधित किसी भी जानकारी या समस्या के समाधान के लिए मदद दी जाएगी.
किसान, व्यापारी समस्या होने पर हेल्पलाइन नंबर 0755-2704555 पर कॉल कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन 30 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है. किसान, व्यापारी या मंडी से जुड़े लोग इस सुविधा का इस्तेमाल सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक कर सकेंगे. यह पहल किसानों को उनकी उपज की खरीदी से संबंधित प्रक्रियाओं, मूल्य निर्धारण और पंजीयन संबंधी सवालों के जवाब तत्काल प्राप्त करने का सरल माध्यम बनेगी.
मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि इस कॉल सेंटर के माध्यम से किसानों को भावांतर योजना की जानकारी घर बैठे मिल सकेगी. उन्होंने किसानों, व्यापारियों, हम्माल-तुलावटियों और मंडी अधिकारियों से अपील की है कि वे योजना का अधिकतम लाभ लें और किसी भी असमंजस या समस्या की स्थिति में हेल्पलाइन से संपर्क करें.
भावांतर योजना-2025 के तहत सोयाबीन की खरीदी 24 अक्टूबर से आरंभ हो चुकी है, जो 15 जनवरी 2026 तक चलेगी. प्रदेश में अब तक 9 लाख 36 हजार 352 किसानों ने अपने उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेश कराया है. इनमें से 27 हजार 63 किसानों से 47 हजार 493 टन सोयाबीन की खरीदी की जा चुकी है. केवल 28 अक्टूबर को ही 10 हजार 851 किसानों से 19 हजार 191 टन सोयाबीन की खरीद की गई है.
राज्य की विभिन्न मंडियों में सोयाबीन की आवक अच्छी बनी हुई है. देवास, इंदौर, उज्जैन, गंजबासौदा, बैरसिया, आगर, आष्टा, शाजापुर, तराना और सागर जैसी मंडियों में बड़ी मात्रा में सोयाबीन की खरीद रिकॉर्ड की गई है. वहीं, उज्जैन जिले की बड़नगर मंडी में इस सीजन का अधिकतम भाव 5725 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है.
एक बयान में कहा गया कि प्रदेश में बीते साल की तुलना में इस बार सोयाबीन की बुवाई का रकबा थोड़ा घटा है. वर्ष 2024-25 में यह 58.72 लाख हेक्टेयर था, जबकि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में यह 53.20 लाख हेक्टेयर रहा. इस दौरान 55.54 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उत्पादन दर्ज किया गया है. भावांतर योजना के लिए 3 से 17 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चलाई गई थी.
वहीं, पहले मॉडल भाव की घोषणा 7 नवंबर 2025 को की जाएगी. बता दें कि किसानों को एमएसपी में से मॉडल भाव की राशि घटाते हुए बची हुई अंतर (भावांतर) राशि दी जाएगी. वहीं, जिन किसानों को उपज का दाम मॉडल भाव से ज्यादा मिला है, उन्हें एमएसपी में से अधिकतम भाव घटाने पर जो राशि का अंतर बचेगा, वह दिया जाएगा.
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