कोदो की खेती (सांकेतिक तस्वीर)मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राहत की खबर है. किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग ने कोदो और कुटकी उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर अब 31 अक्टूबर 2025 कर दी है. पहले यह तिथि 24 अक्टूबर तय की गई थी. यह फैसला किसानों की सुविधा और अधिक पंजीयन करने के उद्देश्य से लिया गया है. राज्य सरकार ने इस वर्ष रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत पहली बार कोदो-कुटकी की सरकारी खरीद करने का निर्णय लिया है. इस योजना को श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (श्रीअन्न फेडरेशन) के माध्यम से लागू किया जाएगा.
योजना के तहत जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी, सिंगरौली, मैहर, सतना, मऊगंज, बालाघाट और सिवनी सहित 16 जिलों में कोदो और कुटकी की खरीद की जाएगी. पूर्व में जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, अगर अन्य जिलों से भी किसानों की मांग आती है, तो वहां से खरीद पर सरकार विचार करेगी.
सरकार ने खरीफ 2025 के लिए कुटकी का समर्थन मूल्य 3500 रुपये प्रति क्विंटल और कोदो का 2500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. योजना के तहत अनुमानित 30 हजार मीट्रिक टन उपार्जन किया जाएगा. किसानों को प्रति क्विंटल 1000 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से बैंक खातों में भेजी जाएगी.
बीते दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में श्रीअन्न फेडरेशन को मूल्य स्थिरीकरण कोष से 80 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त लोन उपलब्ध कराए जाने का भी निर्णय लिया गया था, ताकि उपार्जन प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके.
बयान में कहा गया कि सरकार का उद्देश्य जनजातीय और छोटे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना और श्रीअन्न (मिलेट्स) की खेती को बढ़ावा देना है. यह कदम प्रदेश में पारंपरिक अनाजों की आर्थिक उपयोगिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इस बीच, सोमवार को कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने सोयाबीन की खरीदी के लिए भावांतर योजना को केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने पर आभार जताया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 26.49 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने मंजूरी दी है.
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर किसानों को एमएसपी से कम मूल्य मिलने पर नुकसान से बचाने के लिए यह योजना लागू की गई है. इस वर्ष 9.36 लाख किसानों ने योजना में पंजीयन कराया है, जबकि खरीदी 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक होगी.
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