एमपी में Ex CM Shivraj Singh Chauhan की सरकार ने पिछले साल चुनाव से पहले राज्य की महिलाओं को वित्तीय लाभ देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'लाडली बहना योजना' शुरू की थी. इस योजना की लाभार्थी महिलाओं द्वारा चुनाव में भाजपा को भरपूर समर्थन मिलने के कारण पार्टी ने हारी हुई बाजी को अपने पक्ष में कर लिया. चुनाव के बाद बनी भाजपा की मोहन यादव सरकार ने इस योजना के तहत लाड़ली बहनों को 1250 रुपये प्रति माह देने का सिलसिला जारी रखा है. सरकार ने इस योजना में बहनों को मिल रही राशि में अपेक्षित इजाफा करने के बजाय युवाओं को लुभाने के लिए एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है. सरकार इसके लिए जल्द ही 'लाड़ला भैया योजना' शुरू करेगी. सीएम यादव ने बताया कि इस योजना को शुरू करने का मकसद युवाओं को रोजगार से जोड़ने में मदद करना है.
मोहन यादव सरकार ने यूपी की तर्ज पर एमपी में Investment Summit कराकर राज्य में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने की कवायद तेज कर दी है. राज्य में Heavy Industry को निवेश का मौका देने से पहले सरकार को इनमें लगने वाले मानव संसाधन का भी पुख्ता इंतजाम होने की पेशकश उद्योग जगत के साथ करने की जरूरत है.
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यादव ने कहा कि एमपी में 'कुशल हाथों' की कोई कमी नहीं है. हर तरह का काम करने में सक्षम युवाओं के इन हाथों को सही अवसर की तलाश है. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना के तहत युवाओं को राज्य में स्थापित होने जा रही औद्योगिक इकाइयों में रोजगार के माकूल अवसर मिलेंगे. इनमें जिसके पास जितना हुनर होगा, उसके मुताबिक ही उसे अवसर मिलेंगे.
सीएम यादव ने कहा कि सरकार ने पूरे राज्य में औद्योगिक निवेश की भरपूर संभावनाओं की तलाश करने के बाद निवेश के अनुकूल इलाकों में Investors Summit का आयोजन करने की तैयारी कर ली है. उन्होंने कहा कि इस कड़ी में औद्योगिक विकास की दौड़ में पीछे छूट गए अपार संभावनाओं वाले चंबल संभाग सहित अन्य इलाकों में निवेशकों को जुटाया जाएगा. इस कड़ी में चंबल संभाग में ग्वालियर और बुंदेलखंड में सागर को भी शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य के तमाम इलाकों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित होने के बाद इनके माध्यम से राज्य के लोगों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर मुहैया कराए जा सकेंगे. यादव ने कहा कि युवाओं को रोजगार सुनिश्चित कराते हुए उनके जीवन में वित्तीय रूप से स्थायित्व लाने में औद्योगिक इकाइयां निर्णायक भूमिका निभाएंगी. उन्होंने कहा कि इस कवायद से उपजने वाले रोजगार के अवसर न केवल लाडले भैया, बल्कि लाडली बहनों को भी मुहैया कराए जाएंगे.
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लाडली बहना योजना में भाजपा की सरकार राज्य की 1.39 करोड़ बहनों को 1250 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता मुहैया करा रही है. योजना में किए गए वादे के मुताबिक इस राशि को समय समय पर सरकार द्वारा बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति माह तक ले जाना है. इस कड़ी में रक्षाबंधन के मौके पर यह राशि 1500 रुपये प्रतिमाह किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन मोहन यादव सरकार ने रक्षाबंधन के तोहफे के तौर पर बहनों को 250 रुपये देने का ऐलान किया है. इस प्रकार सभी लाभार्थी बहनों को अगस्त महीने की किस्त के रूप में 1500 रुपये दिए गए हैं.
वहीं, लाडला भैया योजना में सरकार ने लाभार्थियों काे पैसा देकर वित्तीय सहयोग करने के बजाय रोजगार देकर उनके जीवन में वित्तीय स्थायित्व लाने की पहल की है. सीएम यादव ने स्पष्ट किया कि राज्य के युवाओं को रोजगार मिलने से पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. साथ ही पारिवारिक स्तर पर भी वित्तीय सुगमता आएगी. लाडला भैया योजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि योजना की रूपरेखा काे जल्द उजागर किया जाएगा.
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