मानसून की बेरुखी की वजह से खरीफ सीजन में कई राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ा था. राज्यों की इस सूची में झारखंड भी था. कम बारिश की वजह से बीते साल राज्य में गंभीर सूखा पड़ा था. इस वजह से राज्य के 24 में से 22 जिलों के 226 ब्लॉक गंभीर सूखे की चपेट में रहे. नतीजतन धान के उत्पादन पर व्यापक असर पड़ा है. ऐसे ही हालातों से निपटने के लिए झारखंड सरकार ने स्पेशल प्लान बनाया है. जिसके तहत राज्य में तालाबों को संवारा जा रहा है. इससे झारखंड में किसानों को सिंचाई में दिक्कत नहीं होगी.
झारखंड का 20 फीसदी हिस्सा ही सिंचित है. ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन हालातों में राज्य सरकार सिंचाई की समस्या को दूर करने और किसानों को राहत पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इन्हीं प्रयासों के तहत राज्य के सरकारी और निजी तालाबों के जीर्णोंद्धार के साथ साथ परकोलेशन टैंक का निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया. राजधानी के नगड़ी स्थित राज्य स्तरीय जलछाजन प्रशिक्षण केंद्र में इसका शुभारंभ किया गया.
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सरकारी औऱ निजी तालाबों के जीर्णोद्धार के साथ साथ परकोलशन टैंक के निर्माण कार्य कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया. इस मौके पर राज्य के अन्य जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाना राज्य सरकार का लक्ष्य है. इसी लक्ष्य के साथ राज्य सरकार कार्य कर रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड भौगोलिक स्थित को देखते हुए सिंचाई एक बड़ी समस्या है. लेकिन, राज्य सरकार किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि तालाबों के जीर्णोद्धार से किसानों को सिंचाई को लिए पानी उपलब्ध रहेगा, इससे किसान अपने खेतों में सिंचाई कर सकेंगे. इसके अलावा किसानों के मत्स्य विभाग द्वारा भी मदद दी जाएगी ताकि तालाब में पानी रहने पर किसान मछली पालन कर सकेंगे, इस तरह से राज्य के किसान समृद्ध होंगे. उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस तरह से प्रयोग करके एक एग्री स्मार्ट विलेज बनाया जाएगा. जहां पर खेती के तमाम तरह की बुनियादी सुविधाएं होंगी और कृषि भी समृद्ध होगी.
मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड राज्य कृषि सचिव अबू बकर सिद्दिकी ने राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड में सिंचाई एक बड़ी समस्या है. हम सिंचाई के क्षेत्र में काफी पिछड़े हुए हैं. लेकिन पानी पंचायतों का गठन होने के बाद से स्थिति में अब सुधार हो रहा है. कई ऐसे किसान हैं, जिन्हें सिंचाई के लिए सरकारी और निजी तालाबों का पानी उपलब्ध हो रहा है. इसके अलावा किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. इसका भी किसानों को लाभ मिल रहा है और वो बेहतर कार्य कर रहे हैं. वहीं पानी पंचायत के किसान गोपाल महतो ने अपने अनुभव साझा किया.
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