अगर आप हरियाणा के किसान हैं तो आपके लिए है ये जरूरी खबर है. दरअसल हरियाणा सरकार ने राज्य में देसी कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसके लिए हरियाणा का कृषि और किसान कल्याण विभाग अपनी एक योजना के तहत राज्य में देसी कपास का रकबा बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. इस फैसले के तहत सरकार देसी कपास की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी.
इस योजना में सरकार सूक्ष्म पोषक तत्वों और एकीकृत कीट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए किसान को 4000 रुपये तक की सब्सिडी देगी. पूरी खबर जानने के लिए नीचे दी गई डिटेल को पढ़ें.
सरकार किसानों को देसी कपास की फसल को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि दे रही है. देसी कपास उगाने वाले किसानों को खेत के देसी तरीके और सूक्ष्म पोषक तत्वों और एकीकृत कीट प्रबंधन के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 2000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इस प्रोत्साहन राशि का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को सरकार की आधिकारिक वेबसाइट agriharyana.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. राज्य सरकार ने देसी कपास पर सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि को राज्य में कपास के लक्ष्य और किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है.
देसी कपास उगायें, अनुदान पायें!
— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) August 29, 2023
अधिक पैदावार व कीटों के बचाव के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों व एकीकृत कीट प्रबंधन अपनाएं एवं 4000 रुपये तक का अनुदान पाएं।
अनुदान हेतु https://t.co/0V2O2ggnGC पर पंजीकरण करें।
पंजीकरण की अन्तिम तिथि 31 अगस्त, 2023 pic.twitter.com/ruplIXvhtm
राज्य के किसान देसी कपास की खेती में प्रयोग होने वाली कृषि सामग्री चौधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की समग्र सिफारिशों के अनुसार सरकारी, अर्ध सरकारी, सहकारी समिति या अधिकृत विक्रेता से खरीद कर विभाग के पोर्टल पर सब्सिडी के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों और एकीकृत कीट प्रबंधन के बिल को अपलोड करेंगे.
यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं और देसी कपास की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार आपके लिए सब्सिडी मुहैया करा रही है. किसानों को अगर सब्सिडी के लिए अधिक जानकारी चाहिए तो उसके लिए कृषि विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001802117 भी मुहैया करवाया है. इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर देसी कपास की खेती परंपरागत तरीके के बजाए वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो 20 से 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त पैदावार हो सकती है. इसकी खेती कर किसान समय और कम लागत में काफी बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. कपास एक व्यावसायिक फसल है. इसकी खेती नकदी फसल के रूप में की जाती है. कपास खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख नकदी फसल है. कपास की बाजार में मांग भी काफी अधिक होती है.
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