बिहार सरकार ने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए "लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना" की शुरुआत की है. इस योजना के तहत आलू की खेती पर 75% तक अनुदान दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसानों को प्रोत्साहित करना और राज्य में आलू उत्पादन को बढ़ावा देना है. यह योजना बिहार के 17 जिलों में लागू की गई है. इनमें शामिल हैं औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, नालंदा, नवादा, पटना, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सिवान और वैशाली.
इन जिलों के किसानों को आलू की खेती के लिए बीज खरीदने और अन्य जरूरी संसाधनों के लिए सरकार से आर्थिक सहायता मिलेगी.
रबी मौसम में यानी अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में आलू की बुवाई की जाती है. इस योजना के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला टिश्यू कल्चर से तैयार किया गया G-3 बीज दिया जाएगा. यह बीज ज्यादा उपज और अच्छी गुणवत्ता वाला होगा. बीज की आपूर्ति संबंधित जिले के सहायक निदेशक (उद्यान विभाग) द्वारा की जाएगी.
इस योजना का लक्ष्य केवल खेती बढ़ाना नहीं है, बल्कि आलू से जुड़े उद्योगों को भी बढ़ावा देना है. इससे किसानों को बाजार में अच्छे दाम मिल सकते हैं और प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर आलू से चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, फ्लेक्स आदि बनाए जा सकते हैं.
हालांकि अभी उपज का उचित मूल्य और भंडारण की सुविधा एक चुनौती है, लेकिन सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है.
बिहार सरकार की यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी लाभकारी है. अनुदान और तकनीकी सहायता से वे भी अब कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं. इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य में आलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी.
"लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना" किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है. यदि किसान इस योजना का सही तरीके से लाभ उठाएं, तो वे अपनी आमदनी में भारी इजाफा कर सकते हैं. सरकार की सब्सिडी, तकनीकी सहयोग और उच्च गुणवत्ता वाले बीज के साथ अब आलू की खेती बन सकती है किसानों की तरक्की की राह.
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