11 थारू जनजाति की महिलाओं को मिली सरकारी नौकरी, बिना सड़क, बिजली और इंटरनेट के गुजारा जीवन

11 थारू जनजाति की महिलाओं को मिली सरकारी नौकरी, बिना सड़क, बिजली और इंटरनेट के गुजारा जीवन

अभाव में मिली सफलता की बड़ी कद्र होती है. यूपी की 11 थारू जनजाति की महिलाओं को सरकारी नौकरी मिली है. इन महिलाओं का पूरा जीवन संघर्ष से भरा रहा. इन्हें ना बिजली मिली ना इंटरनेट इनके गांव में सड़क भी नहीं है उस स्थिति से निकल कर आज महिलाओं को नौकरी मिली है.

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11 थारू जनजाति की महिलाओं को मिली सरकारी नौकरी, बिना सड़क, बिजली और इंटरनेट के गुजारा जीवनथारू जनजाति की महिलाओं को नौकरी

लखीमपुर खीरी जिले में दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल के बीचो-बीच बसे चंदन चौकी सहित सुरमा गांव की करीब 11 थारू जनजाति की महिलाओं को ICDS विभाग में मुख्य सेविका के पद पर नौकरी मिली है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी महिलाओं को लखनऊ में नियुक्ति पत्र दिया है. आपको बता दें कि दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल के बीचो-बीच बसे सुरमा गांव को जाने के लिए ना तो कोई पक्की सड़क है ना ही कोई अच्छा रास्ता. बरसात के मौसम में तो 2 से ढाई किलोमीटर तक पैदल चलकर ही गांव को जाना होता है. इसके अलावा गांव में ना ही इंटरनेट है और ना ही लाइट, इसके बावजूद गांव की थारू जनजाति की महिलाओं ने किताबें पढ़कर ही सरकारी नौकरियां पाई हैं. 

सुविधाओं के अभाव में पास की परीक्षा

महिला बाल विकास पुष्कर विभाग में मुख्य सेविका के पद पर चयनित हुई महिला नंदो राना बोली हमारा चयन आईसीडीएस के तहत मुख्य सेविका के पद पर हुआ है. मैं शिक्षा मित्र थी इस पद पर रहते हुए शिक्षण कार्य और परिवार के बीच रहकर सेल्फ स्टडी से मैंने तैयारी की और इस परीक्षा को मैंने पास किया है. मैं सुरमा गांव में रहती हूं वहां ना बिजली है, ना इंटरनेट है और ना ही सड़क है. इस समय तो बरसात में घुटनों तक कीचड़ है. दो से ढाई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है उसके बाद गांव पहुंचते हैं. 

सीएम योगी से की मांग 

आईसीडीएस में मुख्य सेविका की नौकरी पाई नीलम राणा बताती हैं कि मेरा चयन मुख्य सेविका के पद पर हुआ है और मुख्यमंत्री जी के द्वारा हम लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया. मैं ग्राम सुरमा में रहती हूं. हम लोगों को आने-जाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और पहले हम लोग स्कूल पढ़ाई के लिए तीन-चार किलोमीटर पैदल सफर करते थे. ये मुकाम बहुत कठिनाई से मिला है. इसके आगे उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन करना चाहूंगी कि हमारे क्षेत्र में इंटरनेट सड़क और बिजली जैसे मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश करें, ताकि जिन कठिनाइयों का सामना हम लोगों को करना पड़ा वो आने वाली पीढ़ियों को ना करना पड़े. 

एक साथ दो-दो नौकरी

वहीं पलिस में नौकरी लगने के बाद पूजा सिंह इस वक्त गोरखपुर में ट्रेनिंग ही कर रही थीं. इसी दौरान उनका एक आईसीडीएस से भी नियुक्ति पत्र आ गया जिसको लेकर वह कहती है कि मैं बहुत खुश हूं, मेरा परिवार भी खुशी महसूस कर रहा है. मैं वर्तमान सरकार की बहुत-बहुत आभारी हूं कि उनके कार्यकाल में मुझे दो-दो सरकारी नौकरी करने का मौका मिला. मैं गोरखपुर में यूपी पुलिस की ट्रेनिंग कर रही हूं और इसी ट्रेनिंग के दौरान मुझे मुख्य सेविका की भी नौकरी मिल गई. मेरी प्राइमरी शिक्षा इसी सरकारी स्कूल में हुई है यहां पर कोई इंटर कॉलेज नहीं है यहां पर आवासीय विद्यालय है. अब यहां पर आवासीय विद्यालय अच्छे हो गए हैं, जहां से पढ़ाई करके अच्छे पदों पर जाया जा सकता है.
(रिपोर्ट: अभिषेक वर्मा लखीमपुर खीरी)

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