बिहार में गुड़ उद्योग के लिए सब्सिडी देगी सरकारबिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों को दोबारा शुरू करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए गए हैं. सरकार की इस पहल के बाद गन्ना की खेती करने वाले किसानों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. लंबे समय से किसान चीनी मिलों के पुनरुद्धार की मांग कर रहे थे. अब सरकार न केवल चीनी मिलों को चालू करने की दिशा में काम कर रही है, बल्कि राज्य में गुड़ उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी सार्थक प्रयास कर रही है.
इसी क्रम में गन्ना उद्योग विभाग की ओर से उन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जो गुड़ उत्पादन इकाई स्थापित करना चाहते हैं. ऐसे किसानों को सरकार द्वारा अनुदान देने का प्रावधान किया गया है, जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. वही जो इच्छुक किसान अभी तक से आवेदन नहीं किए हैं. वे 25 दिसंबर तक अपना आवेदन जमा कर सकते हैं.
राज्य में गुड़ उत्पादन इकाइयों की स्थापना को लेकर विभाग की ओर से बीते महीने 25 नवंबर तक ही ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. हालांकि, इस अवधि को बढ़ाते हुए विभाग की ओर से 25 दिसंबर तक आवेदन लेने की अंतिम तिथि तय की गई है. वहीं सरकार गुड़ उत्पादन इकाइयों के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत गन्ना किसानों और निवेशकों को सरकार की ओर से 6 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.
गुड़ उत्पादन इकाइयों को स्थापित करने के लिए यदि कोई किसान इच्छुक हैं, तो वे जल्द से जल्द आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि इस योजना का लाभ लेने के लिए अब मात्र चार दिन का ही समय शेष है. वहीं गन्ना उद्योग विभाग की ओर से गुड़ उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. विभाग के अनुसार, विभिन्न प्रसंस्करण क्षमता वाली गुड़ उत्पादन इकाइयों को पूंजी की लागत का आधा हिस्सा विभाग की ओर से प्रदान किया जाएगा. इच्छुक किसान एवं निवेशक ccs.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
गन्ना उद्योग विभाग की ओर से गुड़ उत्पादन इकाइयों के लिए विभिन्न श्रेणियां तय की गई हैं. इसमें 5 से 20 टन प्रतिदिन गन्ना पेराई क्षमता वाली इकाइयों को अधिकतम 6 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा. इसी प्रकार, 21 से 40 टन प्रतिदिन पेराई करने वाली इकाइयों को अधिकतम 15 लाख रुपये, 41 से 60 टन प्रतिदिन पेराई क्षमता वाली इकाइयों को अधिकतम 45 लाख रुपये और 60 टन से अधिक प्रतिदिन पेराई करने वाली इकाइयों को अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today