बिहार में एक अप्रैल से लागू होगा चौथा कृषि रोडमैप, क‍ि‍सानों को म‍िलेगा फायदा

बिहार में एक अप्रैल से लागू होगा चौथा कृषि रोडमैप, क‍ि‍सानों को म‍िलेगा फायदा

खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इस पर पर जोड़ दे रही हैं. केंद्र सरकार देश में कृषि व्यवस्था को बढ़ाने का काम कर रही है तो वहीं राज्य सरकार भी किसानों को इस दिशा में प्रोत्साहित करती नजर आ रही हैं.

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बिहार में एक अप्रैल से लागू होगा चौथा कृषि रोडमैप, क‍ि‍सानों को म‍िलेगा फायदाबिहार में चौथे कृषि रोडमैप को लागू करने की तैयारी

बिहार में कृषि की दशा और दिशा को और भी बेहतर बनाने के लिए बिहार सरकार 1 अप्रैल से चौथा कृषि रोडमैप लागू करने वाली है. पिछले कुछ दशकों में बिहार की कृषि पद्धति में काफी बदलाव देखा गया है. यह बदलाव राज्य की आर्थिक दृष्टिकोण और किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित भी हुआ है. इसमें सबसे बड़ा योगदान कृषि रोडमैप का रहा है. ऐसे में सरकार लगातार इसको और बेहतर बनाने का काम करती नजर आ रही है.

खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार इस पर पर जोड़ दे रही हैं. केंद्र सरकार देश में कृषि व्यवस्था को बढ़ाने का काम कर रही है तो वहीं राज्य सरकार भी किसानों को इस दिशा में प्रोत्साहित करती नजर आ रही हैं. इसी कड़ी में राज्य सरकारें किसानों को फ्री बीज, सब्सिडी पर मशीन व अन्य जरूरी यंत्र उपलब्ध करवाने का काम कर रहे हैं. 

बिहार सरकार का नया प्लान

ऐसे में बिहार सरकार भी किसानों उन्नत खेती की ओर बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है. इसका परिणाम आज और आने वाले समय में देखा जा सकता है. इसका पूरा खाका तैयार हो चुका है ओर अब बिहार सारकार चौथे रोड मैप को लाने की तैयारी में जुटी हुई है.

एक अप्रैल से बिहार में लागू होगा चौथा कृषि रोडमैप

कृषि रोडमैप को जमीनी स्तर पर उतारने की तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है. किसानों को इसका फायदा जल्द से जल्द देने के लिए बिहार सरकार 1 अप्रैल से चौथा कृषि रोडमैप लागू करने जा रही है. इस रोडमैप पर मार्च 2028 तक काम किया जाएगा. बिहार सरकार के अधिकारियों के मुताबिक बिहार में रोडमैप की तैयारी अंतिम चरण में हैं. मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के द्वारा हर स्तर पर जांच की जा रही है. 

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तीसरे कृषि रोडमैप की गलतियों से ली जाएगी सीख

बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप की अवधि समाप्त हो गई है. ऐसे में अब बिहार सरकार चौथा कृषि रोडमैप लागू करने जा रही है. इस रोडमैप को लागू करने से पहले इसे तीसरे रोडमैप से जोड़ कर देखा जा रहा है ताकि जो गलतियां तीसरे रोडमैप में हुईं थी वो अब ना हो. नीतीश कुमार का कहना है कि वह किसी भी स्टार पर कोई गलतियां नहीं चाहते हैं. जिसको लेकर वह खुद इसकी देखरेख और सभी कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं.

दलहन, मिलेट फसल उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास

बिहार में मुख्यतः गेहूं, धान, मक्का, गन्ना आदि की खेती ज्यादा की जाती है. इनके उत्पादन में बिहार सबसे अधिक उत्पादन वाले राज्यों में भी शामिल हैं. लेकिन, वहीं, तिलहन, दलहन और मिलेट फसलों की बात की जाए तो आज भी बिहार इसमें पीछे है. जबकि यह नकदी फसल है और इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है. ऐसे में इसपर विचार करते हुए सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप में दलहन, तिलहन, मिलेट की पैदावार को बढ़ावा देने पर जोर दिया है.

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इसके अलावा कृषि विविधीकरण, मूल्य संवर्धन और जलवायु के अनुकूल कृषि के साथ लेयर फार्मिंग, डेयरी, मत्स्य पालन जैसे कृषि कार्यों को भी बढ़ावा दिया जाएगा. बिहार सरकार के चौथे कृषि रोडमैप में मशीनीकरण, फसल मांग आधारित बाजार व्यवस्था, एकीकृत कृषि व्यवस्था, कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, रासायनिक खाद के विकल्प को शामिल कर रही है. इसका सीधा लाभ राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों को मिलेगा. 

कृषि क्रेडिट कार्ड योजना से ज्यादा किसानों को जोड़ने की तैयारी

कृषि रोडमैप के तहत अब बिहार के ज्यादा से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जाएगा. ऐसे में इसको सफल बनाने के लिए बैंकों का सहयोग जरूरी है. इस माध्यम से किसान अपने कृषि कायोन को पूरा करने के लिए आसानी से कृषि लोन ले सकेंगे. ऐसे में सरकार, बैंक और किसानों के बीच तालमेल बनाने की योजना तैयार कर रही है. एक अनुमान के मुताबिक अगले 5 साल में करीब 2 लाख करोड़ कृषि कर्ज की आवश्यकता किसानों को हो सकती है. आकड़ों के मुताबिक अभी राज्य के 1.64 करोड़ किसान में से 10 प्रतिशत किसानों को ही कृषि क्रेडिट कार्ड मिला है.  

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