क्लस्टर खेती को अपनाकर किसान कर रहे अच्छी पैदावार, राज्य सरकार 1 लाख रुपये तक का दे रही अनुदान

क्लस्टर खेती को अपनाकर किसान कर रहे अच्छी पैदावार, राज्य सरकार 1 लाख रुपये तक का दे रही अनुदान

निरीक्षण के दौरान संजय अग्रवाल ने पटना जिला के बिहटा प्रखंड के सिकन्दरपुर गांव में किसान बिरेन्द्र प्रसाद और राजीव रंजन वर्मा द्वारा किये गये पपीता और खीरा की खेती का निरीक्षण किया. बिहार राज्य कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर इन किसानों ने खेती की है.

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क्लस्टर खेती को अपनाकर किसान कर रहे अच्छी पैदावार, राज्य सरकार 1 लाख रुपये तक का दे रही अनुदान बिहार के किसान

बिहार में किसान फलों की अच्छी पैदावार हासिल कर रहे हैं. कलस्टर में किसान फलों की खेती कर रहे हैं और अच्छी उपज ले रहे हैं. अच्छी पैदावार देखते हुए किसानों को फलों खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा पटना जिला के विभिन्न प्रखण्डों में किसानों द्वारा बागवानी के क्षेत्र  में नए तकनीकों से था किसानों को आंवला, नींबू, अमरूद, पपीता फलों के क्लस्टर में उत्पादन करने हेतु सुझाव दिया गया है. किसान इन उपायों को अपना कर बेहतर उपज हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई किसानों को खेतों में जाकर इसका निरीक्षण भी किया है. 

निरीक्षण के दौरान संजय अग्रवाल ने पटना जिला के बिहटा प्रखंड के सिकन्दरपुर गांव में किसान बिरेन्द्र प्रसाद एवं राजीव रंजन वर्मा द्वारा किये गये पपीता एवं खीरा की खेती का निरीक्षण किया. बिहार राज्य कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर इन किसानों ने खेती की है. इस दौरान उन्होंने किसानों को कई सुझाव भी दिए. उन्होंने किसानों को पपीता के दो पंक्तियों के बीच की जगह को भी ओल, हल्दी, अदरख, मूली आदि फसलों को लगाकर सदुपयोग करने का सुझाव दिया गया. 24 एकड़ में लगे पपीता एवं खीरा के फसल में कीटनाशी के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग हेतु सुझाव दिया गया. 

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ड्रोन से छिड़काव करने का सुझाव

इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिया कि किसान के पपीता और खीरा के खेतों में ड्रोन से छिड़काव करने की व्यवस्था की जाए. सचिव कहा कि ड्रोन से कीटनाशी दवा के छिड़काव कम समय में एवं अधिक प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है. ड्रोन के उपयोग से खेती की लागत में कमी आएगी. इसके बाद सचिव ने पालीगंज प्रखण्ड के मसौढ़ा पंचायत के जलपुरा गांव के उन्नत किसान मो॰ सलाउद्दीन के द्वारा किये जा रहे केला, सेब, एप्पल बेर, अमरूद एवं नींबू की बगीचा का भ्रमण किया. मो॰ सलाउद्दीन के द्वारा करीब 15 एकड़ में विभिन्न फलों का उत्पादन किया जा रहा है. इस दौरान मौके पर मौजूद किसानों को कृषि सचिव ने कलस्टर में फलों की खेती करने का सुझाव दिया. 

फूल की खेती को बढ़ावा देने पर जोर

फलों की खेती का निरीक्षण करने के बाद कृषि सचिव में दुल्हिन बाजार प्रखण्ड के भिमानीचक गांव में गेन्दा फूल की खेती का जायजा लिया गया. किसानों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि गेंदा फूल के पौधे उन्हें कोलकाता से मंगाने पड़ते हैं इसके कारण खेती में उनकी लागत बढ़ जाती है. इस पर सचिव ने निर्देश दिया कि किसानों के समूह बनाए जाएं और किसानों को पौधा उत्पादन की ट्रेनिंग करने के लिए कोलकाता भेजा जाए. साथ ही किसानों को पॉली हाउस का इस्तेमाल करके फूल की खेती करने का सुझाव दिया. इससे अच्छी गुणवत्ता और उपज मिलेगी. 

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एक लाख तक का मिलेगा अनुदान

इस दौरान कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि  क्लस्टर में फूलों की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप में बागवानी योजना के अन्तर्गत प्रावधान किया गया है. क्लस्टर में खेती के लिए चयनित फसल का क्लस्टर निर्माण एक राजस्व ग्राम में 25 एकड़ या उस से अधिक के क्षेत्र में किया जायेगा, जिसमें एक किसान को कम से कम 0.25 एकड़  तथा अधिकतम 10 एकड़ में खेती करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी.  इसमें अनुदान के रूप में 1.00 लाख रुपये प्रति एकड़ तक का प्रावधान है. स्ट्रॉबेरी एवं ड्रैगन फ्रूट के लिए 2.00 लाख रुपये प्रति एकड़ अनुदान का प्रावधान है. 
 

 

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