किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच आज एकता वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए बैठक हुई. यह बैठक SKM ने बुलाई थी. किसान नेताओं ने कहा कि विभिन्न यूनियनों के बीच एकता को लेकर पर सार्थक चर्चा हुई और यह एक कदम और आगे बढ़ चुकी है. आंदोलनरत KMM की ओर से सरवन सिंह पंढेर बैठक में शामिल हुए. हालांकि, बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) SKM-NP शामिल नहीं हुआ. संगठन ने बीते दिन ही SKM को साफ कह दिया था कि वे खनौरी मोर्चे पर किसान महांपचायत में व्यस्त रहेंगे, इसलिए यह संभव नहीं है.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पॉइंट्स पर किसान विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. एसकेएम ने मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट लड़ाई पर चर्चा के लिए दोनों आंदोलनरत किसान संगठनों को साथ आने के लिए आमंत्रित किया था. इससे पहले भी 13 जनवरी और 18 जनवरी को एसकेएम, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बीच दो बार एकता वार्ता को लेकर बैठकें हुई थीं, जो बेनतीजा रहीं. इसके बाद आज तीसरे दौर की बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन SKM-NP इसमें शामिल नहीं हुआ.
आज KMM के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एसकेएम के वरिष्ठ नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि एकता के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई. इसमें केएमएम भी मौजूद था. वे अब एसकेएम (गैर-राजनीतिक) से बात करेंगे और उनसे सलाह-मशविरा करने के बाद अगली बैठक होगी. इसके बाद एसकेएम, एसकेएम-गैर-राजनीतिक और केएमएम की एकता को लेकर अंतिम फैसला होगा. उग्राहां और एसकेएम के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह एक बड़ी लड़ाई है और सभी किसान यूनियनों को हाथ मिलाना होगा.
वहीं, केएमएम नेता पंढेर ने कहा कि एकता के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई और हम इसके करीब पहुंच गए हैं. महापंचायत में व्यस्त होने के कारण एसकेएम (गैर-राजनीतिक) बैठक में शामिल नहीं हो सका. हम उनसे बात करेंगे, ताकि अगली बैठक जल्द हो सके. सभी यूनियनों में एकता होनी चाहिए, क्योंकि लोगों की यही भावना है. हम उसी तरह की एकता चाहते हैं, जो पिछले आंदोलन 2021 में केंद्र के तीन कृषि कानूनों की खिलाफत के दौरान देखी गई थी.
किसान नेताओं ने कहा कि बैठक में पिछले आंदोलन से सीखे गए सबक पर भी चर्चा की गई. एसकेएम एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम पर केंद्र के लिए अपने 12-सूत्रीय मांगों के चार्टर में कृषि मार्केटिंग पर नई राष्ट्रीय नीति ढांचे के मसौदे का विरोध करने की मांग को शामिल करने का दबाव बना रहा है. (पीटीआई)
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