अब महाराष्ट्र में गांव-गांव की सड़कों को भी एक खास कोड दिया जाएगा. इसके लिए एक कोडिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है जिससे ग्रामीण इलाके की सड़कों को पहचान मिलेगी. इससे आवाजाही में सुविधा बढ़ने के साथ ही सड़क किनारे जबरन कब्जा की समस्या दूर होगी. सड़क किनारे अतिक्रमण बड़ी समस्या है जिससे लगभग हर राज्य सरकारें जूझ रही हैं. बाद में इसे कब्जामुक्त कराना भी बड़ा काम है. इस गंभीर समस्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने गांव-गांव की सड़कों को कोड देने की योजना बनाई है. इसकी जानकारी प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दी.
बावनकुले ने एक बयान में कहा कि अच्छी ग्रामीण सड़कें किसानों की जीवन रेखा हैं और खेती के काम और उपज को बाजारों तक पहुंचाने के लिए जरूरी हैं. बावनकुले ने कहा, "इस फैसले से गांव-वार सड़कों का सीमांकन और अतिक्रमण हटाना संभव होगा. इस पहल से ग्रामीण बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, सुगम संपर्क सुनिश्चित होगा और किसान समुदाय को भविष्य में लंबे दिनों तक राहत मिलेगी."
इस पहल के तहत, ग्राम सेवक, तलाठी, कोतवाल और पुलिस पाटिल जैसे ग्राम अधिकारी सभी सड़कों की सूची तैयार करेंगे, जिसे ग्राम सभा से पास किया जाएगा और तहसीलदार द्वारा भूमि अभिलेख विभाग को भेजा जाएगा. आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, विभाग सड़कों का सीमांकन करेगा और बाउंड्री पीलर्स लगाएगा, जबकि अतिक्रमणों से ममलतदार न्यायालय अधिनिय 1906 के तहत निपटा जाएगा, जहां भी जरूरी होगा, पुलिस सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.
हर सड़क को जिले, तालुका, गांव और सड़क के प्रकार के आधार पर एक खास कोड दिया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि सड़क संबंधी जानकारी सुलभ बनाने के लिए, विस्तृत रिकॉर्ड रखने के लिए ग्राम नमूना संख्या 1 (एफ) नामक एक नया रजिस्टर शुरू किया गया है. बावनकुले ने बताया कि जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, तहसीलदार और खंड विकास अधिकारी वाली जिला और तालुका-स्तरीय समितियां कार्यान्वयन की निगरानी करेंगी, अतिक्रमण हटाने के प्रस्ताव तैयार करेंगी और किसानों की चिंताओं का समाधान करेंगी.
सड़कें ठीक नहीं होने से किसानों को कई असुविधा का सामना करना पड़ता है. किसानों को माल समय पर मंडी नहीं पहुंच पाता जिससे उन्हें उपज का सही दाम नहीं मिलता. कई बार रास्ते में ही उपज खराब हो जाती है. इसके अलावा सड़क का खास कोड नहीं हो तो ऑनलाइन मार्केटिंग में भी असुविधा आती है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सड़कों को कोड देने का निर्णय लिया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today