संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 25 अगस्त को दिल्ली में 1 दिवसीय किसान महापंचायत की तैयारी के लिए देशभर में किसान महापंचायतों का ऐलान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेताओं ने बताया कि 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में, 7 अगस्त को पंजाब के लुधियाना में, 10 अगस्त को हरियाणा के पानीपत में, 11 अगस्त को राजस्थान के श्रीगंगानगर में, 14 अगस्त को मध्यप्रदेश के इटारसी में, 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में और 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश के संभल में किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी.
किसान नेताओं ने बताया कि MSP गारंटी कानून बनवाने, भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते से खेती, पोल्ट्री और डेयरी को बाहर रखने के और शंभू-खनौरी पर चले आंदोलन के दौरान हरियाणा सरकार द्वारा दर्ज किए गए झूठे मुकदमों को रद्द करवाने के मुद्दों पर 25 अगस्त को दिल्ली में 1 दिवसीय किसान पंचायत का आयोजन किया जा रहा है.
किसान नेताओं ने बताया कि दिल्ली में उनका 1 दिन का शांतिपूर्ण कार्यक्रम होगा और इसकी अनुमति के लिए उन्होंने 8 जुलाई को दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों को पत्र दे दिया था. किसान नेताओं ने बताया कि अलग-अलग प्रदेशों में हो रही किसान महापंचायतों में स्थानीय मुद्दे भी उठाए जाएंगे, जैसे लुधियाना में होने वाली किसान महापंचायत में पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग स्कीम के खिलाफ किसानों को एकजुट और जागरुक किया जाएगा.
पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है और इसके खिलाफ लगभग सभी किसान संगठन एकजुट हो रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), जो 30 से ज़्यादा किसान संगठनों का एक समूह है, पहले ही लैंड पूलिंग पॉलिली का विरोध कर चुका है और इसे वापस लेने की मांग कर चुका है. पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार विपक्षी दलों की आलोचना का सामना कर रही है. विपक्षी दलों ने इस नीति को किसानों से उनकी जमीन "लूटने" की एक "लूट" योजना करार दिया है. इसके अलावा किसान मजदूर मोर्चा ने भी इस पॉलिसी का विरोध किया है. इस मोर्चा की अध्यक्षता किसान नेता सरवन सिंह पंढेर करते हैं.
किसान मजदूर मोर्चा ने कहा कि किसान 28 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपकर इसे वापस लेने की मांग करेंगे. केएमएम संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे 20 अगस्त को जालंधर में लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ 'जमीन बचाओ, पिंड बचाओ, पंजाब बचाओ' रैली भी करेंगे. पंढेर ने कहा कि 11 अगस्त को इस नीति के विरोध में मोटरसाइकिल मार्च निकाला जाएगा. पंढेर ने कहा कि किसान अपनी जमीन नहीं छोड़ना चाहते और आरोप लगाया कि राज्य सरकार रियल एस्टेट कंपनियों के इशारे पर शहरी विकास के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन को "लूटना" चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य की कई ग्राम पंचायतें इस नीति के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रही हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, किसान मजदूर मोर्चा की बैठक दिल्ली में हुई, जिसमें देश भर से आए संगठनों ने हिस्सा लिया. आज 6 राज्यों से आए किसान नेताओं ने अपनी बात रखी, एमएसपी को लीगल गारंटी बनाने की बात है. कोई पार्टी इस बात को नहीं रख रही. ना ही सरकार इस पर बात कर रही है. इंडिया गठबंधन इस पर प्राइवेट बिल लाने की बात कर रहा था. जब किसान आंदोलन पार्ट टू हो रहा था. लेकिन अब कोई बात नहीं कर रहा. किसानों की कर्ज मुक्ति के लिए कोई बात नहीं कर रहा है. देश भर मैं किसान आत्महत्या कर रहा है. प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर गए हैं, कृषि क्षेत्र में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में से डेयरी और अन्य को बाहर रखना चाहिए.
खेती के लिए जो बिजली का इस्तेमाल होता है उसको भी प्राइवेट बिल में लाने की तैयारी चल रही है. सरकार इसको प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी में है. रातों रात बिजली के दाम बढ़ेंगे. भूमि अधिग्रहण पूरे देश में चल रहा है. राजस्थान में जमीन ली जा रही है. भगवंत मान सरकार 65 हजार एकड़ जमीन को लिए जाने की तैयारियों में लगी है. अब नोटिफिकेशन हो गया कि किसान अपनी मर्जी से जमीन नहीं बेच पाएगा.
फसलों की बीमा योजना में दोष है. इसको प्राइवेट हाथों में दिया गया. सरकार इसको अपने हाथों में ले, किसानों को न्याय देना है तो सरकार इस पर खुद काम करे. पंजाब में एसकेएम ने 20 तारीख को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है, हम उसके समर्थन में हैं. लैंड पूलिंग मामले में डीसी को पत्र सौंपेंगे. मोटर मार्च किया जाएगा, उन गांव में जिन्हें उजाड़ा जा रहा है.
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