Dhankar Resigns: किसानों से किए हुए वादों का क्‍या हुआ... जब धनखड़ ने शिवराज सिंह से पूछे थे कड़े सवाल 

Dhankar Resigns: किसानों से किए हुए वादों का क्‍या हुआ... जब धनखड़ ने शिवराज सिंह से पूछे थे कड़े सवाल 

Dhankar Resigns: पिछले साल एक तरफ हरियाणा पंजाब की सीमा पर किसान आंदोलन कर रहे थे तो दूसरी ओर दिल्‍ली-नोएडा की सीमा पर भी प्रदर्शन जारी थे. इन प्रदर्शनों के बीच ही धनखड़ ने सवाल उठाया कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हुई? उन्‍होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में कहा था कि किसानों के मुद्दों की अनदेखी करना दोषपूर्ण नीति निर्धारण को दर्शाता है.

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Dhankar Resigns: किसानों से किए हुए वादों का क्‍या हुआ... जब धनखड़ ने शिवराज सिंह से पूछे थे कड़े सवाल Dhankar News: जब मंच पर सबके सामने धनखड़ ने पूछे तीखे सवाल

पूर्व उपराष्‍ट्रपति और राज्‍यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया. उनका यूं अचानक अपने पद से इस्‍तीफा देना हर किसी को अखर रहा है. हर कोई जानना चाहता है आखिर क्‍या हुआ है? हालांकि धनखड़ ने अपने इस्‍तीफ में स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला दिया है लेकिन लोग इस पर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. जहां हर कोई उनके कार्यकाल को याद कर रहा है तो वहीं किसान समुदाय भी उनके अचानक इस्‍तीफ से हैरान है. धनखड़ को एक ऐसे उपराष्‍ट्रपति के तौर पर हमेशा जाना जाएगा जिन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर किसानों से जुड़े मसले उठाए और हमेशा उनके जुड़ी नीतियों की वकालत की. दिसंबर 2024 में जब धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कड़े सवाल पूछे और उन्‍हें कठघरे में खड़ा किया तो वह भी एक कभी न भूलने वाला किस्‍सा बन गया. 

धनखड़ ने दी थी चेतावनी 

पिछले साल एक तरफ हरियाणा पंजाब की सीमा पर किसान आंदोलन कर रहे थे तो दूसरी ओर दिल्‍ली-नोएडा की सीमा पर भी प्रदर्शन जारी थे. इन प्रदर्शनों के बीच ही धनखड़ ने सवाल उठाया कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हुई? उन्‍होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि उनसे पहले किए गए वादों का क्या हुआ. धनखड़ ने यह भी कहा कि किसानों के मुद्दों की अनदेखी करना दोषपूर्ण नीति निर्धारण को दर्शाता है. साथ ही उन्‍होंने केंद्र से किसानों की चिंताओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने की अपील की. 

धनखड़ मुंबई में केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरसीओटी) से जुड़े एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां पर उनके साथ कृषि मंत्री भी थे. धनखड़ ने इसी समारोह में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कुछ चुभने वाले सवाल पूछे. उन्‍होंने पूछा, 'कृषि मंत्री जी, क्या आपसे पहले जो कृषि मंत्री थे, उन्होंने लिखित में कोई वादा किया था? अगर वादा किया था तो उसका क्या हुआ?' धनखड़ ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया. उन्‍होंने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों धैर्य की परीक्षा न ले.  

'किसानों से बातचीत क्‍यों नहीं हो रही' 

पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, 'क्या हम किसान और सरकार के बीच कोई सीमा रेखा बना सकते हैं? मुझे समझ नहीं आता कि किसानों के साथ बातचीत क्यों नहीं हो रही है. मेरी चिंता यह है कि यह पहल अब तक क्यों नहीं हुई है.' इसके साथ ही उन्‍होंने सरदार पटेल को याद किया और भारत के एकीकरण के साथ तुलना की. धनखड़ ने शिवराज चौहान से किसानों की चिंताओं पर ध्यान देने का अपील की और कहा कि यह पटेल के एकीकरण के तहत महत्वपूर्ण हैं. धनखड़ के शब्‍दों में, 'आप कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री हैं. मुझे सरदार पटेल और देश को एकजुट करने की उनकी जिम्मेदारी याद आती है, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. यह चुनौती आज आपके सामने है और इसे भारत की एकता से कम नहीं समझा जाना चाहिए.' 

'मेरा किसान संकट में क्‍यों है' 

धनखड़ यहीं नहीं रुके और उन्‍होंने आगे कहा, 'दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा इतनी ऊंची कभी नहीं रही. जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान संकट में क्यों है? वह क्यों पीड़ित है? किसान तनावग्रस्त क्यों है? यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे हल्के में लेने का मतलब है कि हम व्यावहारिक नहीं हैं, और हमारी नीति-निर्माण सही दिशा में नहीं है. देश की कोई भी ताकत किसान की आवाज़ को दबा नहीं सकती. अगर कोई देश किसान के धैर्य की परीक्षा लेता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.' 

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