किसानों की जमीन जबरन नहीं लेंगे, हर एकड़ के मिलेंगे 1 लाख... पंजाब के सीएम भगवंत मान का बड़ा ऐलान  

किसानों की जमीन जबरन नहीं लेंगे, हर एकड़ के मिलेंगे 1 लाख... पंजाब के सीएम भगवंत मान का बड़ा ऐलान  

Land Pooling: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जनता से लैंड भूमि पूलिंग स्‍कीम के बारे में विपक्षी दलों के गलत प्रचार से प्रभावित न होने की अपील की है. साथ ही दोहराया है कि उनकी सरकार किसानों से जबरन जमीन नहीं लेगी. मान के मुताबिक जमीन का कोई जबरन अधिग्रहण नहीं होगा और केवल वही किसान अपनी जमीन देंगे जो इस नीति से सहमत होंगे.

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किसानों की जमीन जबरन नहीं लेंगे, हर एकड़ के मिलेंगे 1 लाख... पंजाब के सीएम भगवंत मान का बड़ा ऐलान  Land Pooling Scheme: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने दिलाया भरोसा

पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग योजना इन दिनों खबरों में है. अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी सरकार की लैंड पूलिंग योजना को 'किसान समर्थक' और राज्‍य को विकास के रास्‍ते पर लेकर जाने वाला बताया है. मान ने इसके साथ ही कहा है कि सरकार किसी भी किसान से जबरन भूमि नहीं लेगी. साथ ही उन्‍होंने इस महत्वाकांक्षी नीति के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की है. 

विपक्ष बोला- लूट की योजना 

सीएम भगवंत मान ने जनता से लैंड भूमि पूलिंग स्‍कीम के बारे में विपक्षी दलों के गलत प्रचार से प्रभावित न होने की अपील की है. साथ ही दोहराया है कि उनकी सरकार किसानों से जबरन जमीन नहीं लेगी. पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार को लगातार इस योजना की वजह से विपक्षी दलों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है. विपक्ष का कहना है कि मान सरकार लैंड पूलिंग स्‍कीम के तहत किसानों से उनकी जमीन लूटने की योजना तैयार कर रही है. 

सीएम भगवंत मान सोमवार को धुरी विधानसभा क्षेत्र में थे. यहां पर उन्‍होंने 70 गांवों को विकास कार्यों के लिए 31.30 करोड़ रुपये की राशि वितरित की. फिर एक सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने विपक्ष पर 'निहित राजनीतिक स्वार्थों' के लिए योजना के बारे में लोगों को गलत जानकारी देने और तथ्यों पर 'धोखा' देने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई लैंड पूलिंग योजना के तहत भूमि का जबरन अधिग्रहण नहीं किया जाए. साथ ही उन्‍होंने दावा किया इस योजना से राज्य के किसानों को बहुत फायदा होगा. 

क्‍या है इस योजना का मकसद 

उन्होंने कहा कि लैंड पूलिंग का मकसद किसानों के लिए आय का एक स्थायी स्रोत बनाना और उन्हें राज्य के विकास और प्रगति में सक्रिय भागीदार बनाना है. मान के मुताबिक जमीन का कोई जबरन अधिग्रहण नहीं होगा और केवल वही किसान अपनी जमीन देंगे जो इस नीति से सहमत होंगे. नीति के अनुसार, इस योजना के तहत किसानों को व्यावसायिक और आवासीय भूखंड मिलेंगे. मान ने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं है. अगर कोई जमीन देना चाहता है, तो दे सकता है. 

योजना के तहत उसे 1,000 वर्ग गज आवासीय और 200 वर्ग गज व्यावसायिक भूखंड मिलेगा. सीएम मान के अनुसार, 'अगर आपने अपनी जमीन दे दी है तो भी आप तब तक खेती कर सकते हैं जब तक सरकार उस जमीन का विकास नहीं कर लेती.' मान ने यह भी कहा कि लैंड पूलिंग योजना के तहत बनाई जाने वाली नियोजित कॉलोनियों में व्यावसायिक संपत्ति किसानों के लिए एक स्थायी संपत्ति होगी. 

प्रति एकड़ सरकार देगी 1 लाख 

दूसरी ओर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने सोमवार को कहा कि किसानों को लैंड-पूलिंग योजना के लिए आवेदन करने के 21 दिनों के अंदर आशय पत्र (एलओआई) के साथ शुरुआत में 50,000 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे. उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार जमीन का कब्जा लेगी तो 50,000 रुपये की राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दी जाएगी. मुंडियन ने यह भी कहा कि भूमि विकास पूरा होने तक प्रति वर्ष 10 प्रतिशत का इजाफा होगा. आवास और शहरी विकास मंत्री ने यहां 164 गांवों के किसानों के साथ लैंड-पूलिंग योजना के बारे में विचार-विमर्श किया ताकि उनकी प्रतिक्रिया ली जा सके. साथ ही योजना से संबंधित उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके. 

मुंडियन के अनुसार जो किसान लैंड-पूलिंग योजना का विकल्प चुनते हैं, वो जमीन पर विकास कार्य शुरू होने तक जमीन पर खेती जारी रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिस दिन सरकार ज़मीन का कब्ज़ा लेगी, उसी दिन प्रति एकड़ एक लाख रुपये सालाना की दर से राशि दी जाएगी और अगर सरकार भूमि विकास में दो या तीन साल लगाती है, तो पट्टे की राशि में सालाना 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. शुरुआत में, राज्य सरकार ने किसानों को उनकी जमीन के बदले 30,000 रुपये प्रति एकड़ देने का वादा किया था. 

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