पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने अपनी लैंड पूलिंग नीति को लेकर किसानों के विरोध को देखते हुए इस नीति में बड़े बदलाव किए हैं. अब छोटे किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. नई नीति के तहत अब जिन किसानों के पास एक एकड़ से कम ज़मीन है, वे भी लैंड पूलिंग योजना में शामिल होकर रिहायशी और व्यावसायिक प्लॉट पा सकते हैं. पहले यह सुविधा सिर्फ बड़ी ज़मीन के मालिकों के लिए थी, लेकिन अब 1 कनाल से शुरू होकर 7 कनाल तक ज़मीन देने वालों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा.
नई संशोधित नीति के अनुसार, किसान जितनी ज़मीन देंगे, उन्हें उसी हिसाब में प्लॉट मिलेंगे. इससे जुड़ी पूरी जानकारी नीचे दी गई है.
ज़मीन (कनाल) | रिहायशी प्लॉट | कमर्शियल साइट |
1 कनाल | 125 वर्ग गज (1) | 25 वर्ग गज (1) |
2 कनाल | 250 वर्ग गज (1) | 50 वर्ग गज (1) |
3 कनाल | 250 वर्ग गज (1)+125 वर्ग गज (1) | 75 वर्ग गज (1) |
4 कनाल | 500 वर्ग गज (1) या 250 वर्ग गज (2) | 100 वर्ग गज (1) |
5 कनाल | 500 वर्ग गज (1) + 125 वर्ग गज (1) या 250 वर्ग गज (2) + 125 वर्ग गज (1) | 100 वर्ग गज (1) |
6 कनाल | 500 वर्ग गज (1) + 250 वर्ग गज (1) या 250 वर्ग गज (3) या 500 वर्ग गज (1) + 125 वर्ग गज (2) | 100 वर्ग गज (1) + 50 वर्ग गज (1) |
7 कनाल | 500 वर्ग गज (1) + 250 वर्ग गज (1) + 125 वर्ग गज (1) | 100 वर्ग गज (1) + 75 वर्ग |
लैंड पूलिंग में हिस्सा लेने वाले किसानों को अब प्रति एकड़ 50,000 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा भी दिया जाएगा. यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है.
हाल के महीनों में किसानों ने इस नीति के विरोध में कई प्रदर्शन किए थे. किसानों की मांग थी कि उन्हें उनकी ज़मीन के बदले पर्याप्त और व्यावहारिक लाभ मिले. इस दबाव के चलते सरकार ने नीति में सुधार किया है, जिससे अब ज्यादा से ज्यादा किसान स्वेच्छा से योजना में भाग लेंगे.
पंजाब सरकार की नई लैंड पूलिंग नीति छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि वे रिहायशी और व्यवसायिक रूप से भी सशक्त बन सकेंगे. सरकार का यह कदम ग्रामीण विकास की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है.
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