हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को अंबाला सिटी में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार धान किसानों के हितों की रक्षा करने में असफल रही है. उन्होंने कहा कि मौसम के कारण धान में नमी की मात्रा बढ़ गई है, इसलिए सरकार को धान की खरीद में नमी की सीमा 22 प्रतिशत तक बढ़ानी चाहिए.
दुष्यंत चौटाला ने कहा, "धान मंडियों में गड़बड़ी है और किसान अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं, जबकि इस साल किसानों को पहले ही भारी नुकसान उठाना पड़ा है. सरकार ने अभी तक बारिश और जलभराव से हुए नुकसान के लिए मुआवजा जारी नहीं किया है, जिसे जल्द जारी किया जाना चाहिए. साथ ही किसानों को फसल बेचने के 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए."
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने आगामी अंबाला नगर निगम चुनाव की तैयारियां शुरू करने और पार्टी का आधार मजबूत करने की अपील की. जेजेपी नेता अजय सिंह चौटाला ने युवाओं को आगे आने और बदलाव लाने की भूमिका निभाने को कहा. वहीं, जेजेपी के राज्य अध्यक्ष बृज शर्मा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए काम करने का आह्वान किया.
पंजाब और हरियाणा में इस बार धान की कटाई से ठीक पहले भारी बारिश और बाढ़ से फसल को बहुत नुकसान हुआ है. पंजाब में तो पूरी फसल बर्बाद हो गई. हरियाणा में भारी बारिश से खेतों में पानी भर गया जिससे धान के दानों में नमी बढ़ गई है. किसान मंडियों में धान बिक्री के लिए ले जा रहे हैं लेकिन उन्हें नमी का हवाला देकर कम रेट देने का ऑफर किया जा रहा है. इसे लेकर किसान नाराज हैं. किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा उनके हाथ में नहीं है, इसलिए सरकार को नमी की मात्रा में ढील देनी चाहिए.
इस मुद्दे पर हरियाणा में राजनीति भी तेज हो गई है क्योंकि विपक्षी नेताओं ने सीएम सैनी की सरकार पर हमला बोला है और किसानों के समर्थन में उतर आए हैं. दो दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंदर सिंह हुडा ने मुख्यमंत्री से धान की नमी में ढील देने की मांग की थी. इसी तरह की मांग प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने उठाई है. इसके अलावा किसान संगठन भी सरकार से नाराज हैं और खरीद की शर्तों में ढील देने की मांग कर रहे हैं.
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