कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक आर अशोक ने शनिवार को राज्य में बाढ़ और फसल क्षति से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया है. इसको लेकर पत्रकारों से बात करते हुए आर अशोक ने कहा कि राज्य में बारिश के कारण लगभग 10 से 12 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक मुआवजा नहीं दिया है. फसल नुकसान को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ऐलान किया था कि किसानों को मुआवजे के रूप में 2000 से 2500 करोड़ रुपये से अधिक की संयुक्त राशि दी जाएगी.
भाजपा नेता ने कहा कि बारिश शुरू हुए दो महीने हो गए हैं. 10-12 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है. विजयपुरा जिले में 52,000 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है. राज्य सरकार ने अभी तक फसल नुकसान का मुआवज़ा नहीं दिया है. दो किसान आत्महत्या कर चुके हैं. यह आपके (राज्य सरकार) द्वारा किए गए अन्याय के कारण हुआ है. आर अशोक ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पूछती है कि बाढ़ रुकने के बाद भाजपा क्यों आई. क्या अब बाढ़ कम हो गई है? आपने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा क्यों नहीं किया? मंत्री कहां हैं? यह एक ऐसी सरकार है जो किसानों का जीवन दयनीय बना रही है.
कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष ने हाल के त्यौहारों के मौसम में बाढ़ प्रभावित लोगों की स्थिति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों ने दशहरा नहीं मनाया. उन्होंने खुशी से खाना नहीं खाया, बल्कि उन्होंने आंखों में आंसू भरकर जश्न मनाया, उनके घर पानी से भरे हैं. अगर खाना मिलता भी है, तो किसानों को आंखों में आंसू लिए हाथ धोने पड़ते हैं. बता दें कि 30 सितंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि मुआवजे के रूप में 2000 से 2500 करोड़ रुपये से अधिक की संयुक्त राशि प्रदान की जाएगी, क्योंकि राज्य के चार जिलों में अत्यधिक वर्षा के कारण 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें नष्ट हो गई हैं.
कलबुर्गी में एक संवाददाता सम्मेलन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई सर्वेक्षण के बाद, मैंने मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की और चार जिलों: कलबुर्गी, बीदर, यादगीर और विजयपुरा में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि चारों जिलों के 117 गांव "संकट" में हैं और 80 देखभाल केंद्र खोले गए हैं. सिद्धारमैया ने कहा कि महाराष्ट्र से छोड़े गए पानी और चारों जिलों में अत्यधिक बारिश ने आपदा और संकट के स्तर को बढ़ा दिया है.
सिद्धारमैया ने आश्वासन दिया कि अनुमान है कि राज्य में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है. यह और बढ़ सकता है. संयुक्त सर्वेक्षण पूरा होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा. वर्तमान में, संयुक्त सर्वेक्षण केवल 5 लाख हेक्टेयर में पूरा हुआ है. जैसे ही सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा, पैसा खातों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. (सोर्स- ANI)
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