महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के वरोरा में आज यानी 4 अक्टूबर को किसानों की समस्याओं को लेकर सांसद प्रतिभा धानोरकर के नेतृत्व में जोरदार आंदोलन किया गया. जिले में अधिक बारिश से बर्बाद हुई फसलों के उचित मुआवजा और कर्जमाफी की मांग को लेकर हजारों किसान नागपुर-चंद्रपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतर आए और ‘चक्का जाम’ करके प्रदर्शन किया. रत्नमाला चौक पर आयोजित इस आंदोलन में किसानों ने अपनी बर्बाद फसलें सड़कों पर रखी और बैल गाड़ियों के साथ हाईवे जाम कर दिया.
किसानों के ‘चक्का जाम’ की वजह से करीब दो घंटे तक यातायात पूरी तरह ठप रहा. किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सांसद प्रतिभा धानोरकर खुद भी सड़क पर बैठ गईं. आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने किसानों का ‘सातबारा कोरा’ यानी कर्जमाफी करने का वादा किया था, लेकिन अब तक यह सिर्फ एक झूठी घोषणा साबित हुई है.
सांसद धानोरकर ने कहा कि महाराष्ट्र के किसान आज संकट में है, परिवार तबाह हो चुके हैं, लेकिन फिर भी महायुती सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें और झूठे वादे कर किसानों को धोखा दे रही है. उन्होंने सरकार से राज्य में तुरंत बाढ़ और सूखा घोषित करने, सभी किसानों की कर्जमाफी करने और कपास और सोयाबीन उत्पादकों को विशेष राहत पैकेज देने की मांग की.
कांग्रेस ने इस आंदोलन के माध्यम से कपास उत्पादकों को प्रति हेक्टेयर 1 लाख और सोयाबीन उत्पादकों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग की. आंदोलन के दौरान चंद्रपुर और यवतमाल जिलों के हजारों किसान मौजूद थे. हाईवे पर बैठे किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कारण जहां आमजन को परेशानी हुई, वहीं एम्बुलेंस को रास्ता दिया गया ताकि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो.
प्रशासन की ओर से उपविभागीय पुलिस अधिकारी संतोष बाकल, तहसीलदार योगेश कोटकर और थानेदार तांबडे ने मौके पर पहुंचकर सांसद धानोरकर से आंदोलन समाप्त करने की अपील की. हालांकि, प्रशासन की ओर से ठोस आश्वासन मिलने तक आंदोलन जारी रहा. आखिरकार सांसद प्रतिभा धानोरकर ने बैलगाड़ी से तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार योगेश कोटकर को निवेदन पत्र सौंपा और किसानों की मांगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की.
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि चुनाव में फडणवीस सरकार ने आश्वासन दिया था की हम किसानों का पूरा कर्जा माफ़ करेंगे. लेकिन आज 10 महीने का कार्यालक पूरा हो गया है फिर भी किसानों के साथ अनदेखी की जा रही है , किसानों का पूरा कर्ज माफ़ होना चाहिए , सोयाबीन के लिए चंद्रपुर जिले में विशेष पैकेज दिया जाए , किसानो को 12 घंटे बिजली मिलनी चाहिए. इसके अलावा दीपावली से पहले सोयाबीन की खरीदी शुरू होनी चाहिए . उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग 50 -50 करोड़ देकर विधायक खरीद सकते हैं, लेकिन किसानों की कर्जमाफी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोई ज्यादा मांग नहीं है, बस किसानों को प्रति हेक्टर 50 हजार रुपये की मदद दी जाए. (विकास राजुरकर की रिपोर्ट)
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