आज जहां पूरे पंजाब में किसानों ने बंद के आह्वान का समर्थन किया, तो वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल के अपने शहर फरीदकोट और उनके पैतृक गांव डल्लेवाला के लोग भी सड़कों पर उतरे. शहर से लेकर गांव तक सभी बस स्टैंड, बैंक, मॉल, पेट्रोल पंप और सभी बाजार बंद दिखे. नेशनल हाइवे और स्टेट आईवे को किसानों ने बंद रखा. इसी बीच पंजाब सरकार के कुछ दफ्तरों को खुला देख कर किसान भड़क गए और फरीदकोट ब्लॉक प्रायमरी शिक्षा दफ्तर के मुलाजीमों से उनकी बहस देखने को मिली.
विरोध प्रदर्शन के इस मौके पर किसानों ने कहा कि पंजाब सरकार दिखावा कर रही है कि वह पंजाब के किसानों के साथ है. मगर हाकितत कुछ और ही है. किसानों ने पूछा कि सरकारी दफ्तरों को क्यों खोला गया है. किसानों ने कुछ बैंकों को भी बंद करवाया और कुछ मॉल भी बंद करवाए.
इसी के साथ डल्लेवाल के पैतृक गांव डल्लेवाला के लोग और आसपास के सभी गांव के किसानों ने फ़रीदकोट फिरोजपुर स्टेट हाइवे को शाम 4 बजे तक जाम रखा. केवल इमरजेंसी वाहनों को ही जाने की अनुमति दी गई. किसानों ने केंद्र और पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि अगर जगजीत सिंह डल्लेवाल को कुछ होता है तो उसकी जिम्मेवार सरकारें होंगी. नहीं तो जल्द से जल्द किसानों की मांगों को पूरा किया जाए ताकि जगजीत सिंह डल्लेवाल की कीमती जान बच सके.
फरीदकोट शहर में किसानों ने सरकारी दफ्तर को खुला देख कर किसान नेता शरनजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के साथ नाटक कर रही है क्योंकि सरकार के इशारे पर सरकारी दफ्तर खुले हैं. सरकारी कर्मचारी किसानों के साथ गाली गलौज कर रहे हैं जिसे किसान बर्दाश नहीं करेंगे. पंजाब सरकार नहीं चाहती कि किसानों की मांगें जल्द मानी जाएं और पंजाब सरकार सियासत खेल रही है. किसानों ने कहा कि इनके नेता केवल डल्लेवाल के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री वहां डल्लेवाल के साथ जाकर धरने पर क्यों नहीं बैठते हैं. यह सब सरकार का दिखावा है, और कुछ नहीं.
डल्लेवाल के गांव के लोगों ने कहा कि हमारा गांव छोटा है मगर यहां के लोगों की सोच बड़ी है. डल्लेवाला गांव के किसान बलजिंदर सिंह ने कहा, हमारे गांव का 70 साल का बुजुर्ग किसानों की मांगों को लेकर आज मरणव्रत पर बैठा है जिसके साथ आज पूरा पंजाब जुड़ गया है. सरकार जल्द किसानों की सभी मांगें पूरी करे, नहीं तो आगे और भी बड़ा संघर्ष होगा.
पंजाब में किसानों की ओर से बुलाए गए 'बंद' के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ. किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. राज्य के कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात बाधित रहा और दुकानें बंद रहीं. किसानों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बंद के आह्वान के तहत पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा और पठानकोट सहित कई सड़कों और हाईवे पर 'धरना' दिया, जिससे ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ.
किसानों की एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्र का कोई जवाब नहीं दिए जाने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एक सप्ताह पहले राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था. यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भी किया गया, जो पिछले 35 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर किसानों के विरोध स्थल पर अनशन पर हैं. किसानों ने धारेरी जट्टान टोल प्लाजा पर धरना दिया, जिससे पटियाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today