विरोध प्रदर्शन से कुछ नहीं मिलेगा, कृषि मंत्री से चर्चा करें आंदोलन करने वाले किसान, राज्यमंत्री ने दिया प्रस्ताव

विरोध प्रदर्शन से कुछ नहीं मिलेगा, कृषि मंत्री से चर्चा करें आंदोलन करने वाले किसान, राज्यमंत्री ने दिया प्रस्ताव

कमलेश पासवान ने कहा, "मेरी निजी राय है, मैं उनसे आग्रह करूंगा कि हमारे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी बहुत सुलभ व्यक्ति हैं, जो कोई भी उनसे किसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मिलना चाहता है, उसके लिए चर्चा के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती." उन्होंने कहा कि दूसरों को परेशान करने वाले विरोध प्रदर्शन से कोई मदद नहीं मिलेगी. "इसका समाधान केवल बातचीत के जरिए ही हो सकता है."

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विरोध प्रदर्शन से कुछ नहीं मिलेगा, कृषि मंत्री से चर्चा करें किसान, राज्यमंत्री ने दिया प्रस्तावकल किसानों का एक जत्था दिल्ली कूच करेगा

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई कदम उठाए हैं और अगर उन्हें कोई समस्या है तो उन्हें कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आकर इस पर चर्चा करनी चाहिए. पासवान ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मोदी सरकार ने किसानों के लिए जितना काम किया है, उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया. हमने हर क्षेत्र में उनकी मदद की है."

मंत्री ने दिया प्रस्ताव

कमलेश पासवान ने कहा, "मेरी निजी राय है, मैं उनसे आग्रह करूंगा कि हमारे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी बहुत सुलभ व्यक्ति हैं, जो कोई भी उनसे किसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मिलना चाहता है, उसके लिए चर्चा के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती." उन्होंने कहा कि दूसरों को परेशान करने वाले विरोध प्रदर्शन से कोई मदद नहीं मिलेगी. "इसका समाधान केवल बातचीत के जरिए ही हो सकता है." 

पीएम-किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए, राज्य मंत्री ने कहा कि 9.3 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये मिले हैं, और चालू वित्त वर्ष में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की ओर भी इशारा किया.

विरोध प्रदर्शन जारी

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से किसान सरकार द्वारा अधिग्रहित अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग करते हुए सोमवार को नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे और राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने की योजना बनाई, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. 

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इसके बाद उन्होंने वहां 'दलित प्रेरणा स्थल' पर धरना शुरू कर दिया. मंगलवार को पुलिस ने 160 से अधिक किसानों को हिरासत में लिया, लेकिन अगले दिन उन्हें रिहा कर दिया गया. दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी है.

किसानों की मांगों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत भूमि अधिग्रहण से जुड़ी बकाया राशि का भुगतान शामिल है. इसके अलावा, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने 6 दिसंबर से दिल्ली कूच का ऐलान किया है.

पंढेर का बड़ा आरोप

उधर शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया. पंढेर ने कहा कि शुक्रवार को 1 बजे 101 किसानों का जत्था पैदल दिल्ली कूच के लिए निकलेगा. पंढेर ने कहा कि सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए और उनके मुद्दे सुलझाने चाहिए. इसी तरह खनौरी बॉर्डर पर पिछले 10 दिनों से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन चल रहा है.

इससे पहले अंबाला (हरियाणा) के डीसी ने किसान नेताओं को पत्र लिख कर क़ानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दिल्ली कूच को स्थगित करने की अपील की है. डीसी अंबाला ने किसानों को पत्र जारी करते हुए लिखा है कि अंबाला में पहले से धारा 144 लागू है. इसलिए किसानों को दिल्ली कूच से पहले दिल्ली पुलिस की अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति के किसानों को दिल्ली नहीं जाने देने की बात कही गई है.

गुरुवार को दिन में पुलिस उप महानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू (पटियाला रेंज) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पटियाला नानक सिंह ने शंभू बॉर्डर पर पंढेर और सुरजीत सिंह फुल से मुलाकात की. 

SKM निकालेगा मार्च

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले जमा हुए किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और अपनी कई अन्य मांगों को लेकर पहले दिल्ली तक पैदल मार्च की घोषणा की है. 

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मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि किसानों ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि वे शांतिपूर्ण रहेंगे और मार्च में ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे. उन्होंने मार्च करने वालों के बारे में कहा, "वे पैदल जाएंगे." किसान संगठनों ने बताया है कि किसानों के पहले 'जत्थे' का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह करेंगे. पुलिस ने किसी भी तरह के पथराव से बचाने के लिए स्टील की जाली भी लगाई है. अंबाला प्रशासन ने अभी तक बैरिकेडिंग नहीं हटाई है.

 

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