ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे के 'जीरो पॉइंट' पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर प्रशासन ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया. बुधवार देर रात भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे अधिकारियों ने धरना स्थल को पूरी तरह खाली करवा दिया और प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में ले लिया.
मंगलवार को किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में 'जीरो पॉइंट' पर पंचायत बुलाई गई थी. किसानों का दावा था कि पंचायत के दबाव में पुलिस ने सभी 126 गिरफ्तार किसानों को जेल से रिहा कर दिया. रिहाई के बाद, किसान 'किसान महापंचायत' में शामिल हुए और मांगें पूरी होने तक विरोध जारी रखने का संकल्प लिया.
बुधवार शाम को किसानों और अधिकारियों के बीच वार्ता हुई, जिसमें तय हुआ कि किसान रातभर 'जीरो पॉइंट' पर रह सकते हैं और गुरुवार सुबह प्रेरणा स्थल पर धरना शुरू करने को लेकर फैसला लिया जाएगा. हालांकि, रात में अचानक प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए धरना दे रहे किसानों को गिरफ्तार कर लिया.
जेल से छूटने के बाद किसान प्रेरणा स्थल पर दोबारा धरना देने की योजना बना रहे थे. लेकिन पुलिस ने समय रहते उनकी योजना को विफल कर दिया. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद किसानों में आक्रोश है और वे जल्द ही अपने आंदोलन को और तेज करने की तैयारी में हैं.
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आंदोलनकारी किसानों ने बुधवार को यमुना एक्सप्रेसवे पर 'जीरो पॉइंट' पर बैठक की और दावा किया कि उनके विरोध ने उत्तर प्रदेश सरकार को दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर उनके धरना स्थल से एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा करने के लिए मजबूर किया है.
रिहा होने के बाद, किसान 'जीरो पॉइंट' पर 'किसान महापंचायत' में शामिल हुए, जहां उनकी मांगें पूरी होने तक विरोध जारी रखने का निर्णय लिया गया. हालांकि पुलिस ने देर रात यहां से किसानों को हिरासत में ले लिया. इससे पहले किसान नेताओं ने कहा कि विरोध स्थल को कहीं और ले जाने पर गुरुवार को निर्णय लिया जाएगा.
महापंचायत में भाग लेने के लिए मुजफ्फरनगर से निकले भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (बीकेयू-टिकैत) के नेता नरेश टिकैत को भौंवारा कला में रोक लिया गया. संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को अलीगढ़ के टप्पल में हिरासत में लिया गया और शाम को रिहा कर दिया गया. राकेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत ने महापंचायत को संबोधित किया.
उत्तर प्रदेश के किसान प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई उनकी जमीन के लिए मुआवजे और अन्य लाभों की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने सोमवार को 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद वे दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठ गए. हालांकि, अगले दिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की.
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किसानों की प्रमुख मांगों में भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुआवजा और अन्य सुविधाएं शामिल हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे. फिलहाल प्रशासन और किसानों के बीच यह टकराव बढ़ता नजर आ रहा है. देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन क्या रुख लेता है.
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