पंजाब-हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का एक समूह आज सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी के साथ मीटिंग में हिस्सा लेगी. इस बॉर्डर पर पिछले 40 दिन से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की कमेटी और किसान नेता इस मसले के हल पर अपनी राय रखेंगे.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले की सुनवाई हुई. पंजाब सरकार के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट की ओर से बनाई समिति के अध्यक्ष जस्टिस नवाब सिंह आज दोपहर 3 बजे किसानों से मिलेंगे और किसानों को समझाएंगे. सिब्बल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कुछ समाधान निकलेगा, इसलिए आज की सुनवाई किसी और दिन के लिए टाली जा सकती है. इसके बाद बेंच ने कहा कि हम इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे.
खनौरी बॉर्डर पर पिछले कई महीने से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों में 70 साल के जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल हैं, जो पिछले 40 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए पंजाब सरकार परेशान है और सुप्रीम कोर्ट भी उन पर कड़ी नजर रख रहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार को कड़ी फटकाल लगा चुका है और पूछा है कि डल्लेवाल को अस्पताल में भेजकर इलाज क्यों नहीं दिया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच को बताया कि वे प्रदर्शनकारी किसानों को जस्टिस (रिटायर्ड) नवाब सिंह से मिलने के लिए राजी करने में सफल रहे हैं, जो कमेटी के अध्यक्ष हैं. सिब्बल ने कहा, "हम उन्हें मनाने में सफल रहे हैं. कृपया मामले को किसी और दिन के लिए टाल दें. हमें कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है."
सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से मीटिंग का संक्षिप्त नोट तैयार करने को कहा और सुनवाई की तारीख 10 जनवरी तय की. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कमेटी बैठक के नतीजों पर संक्षिप्त नोट दाखिल करेगी. जस्टिस सूर्यकांत ने सहमति जताते हुए कहा कि उम्मीद है कि कमेटी नोट दाखिल करेगी.
डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर किसानों की मांगों को मानने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी भी शामिल है. उन्होंने पंजाब सरकार की ओर से दी जाने वाली मेडिकल सहायता लेने से इनकार कर दिया है. बीते दिन उनकी हालत बिगड़ गई, उन्हें चक्कर आने लगे, उल्टी होने लगी और उन्हें बोलने में भी दिक्कत रही.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी, 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.
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